May 31, 2025

परेश रावल @70, बीयर की तरह यूरिन पी:बाबूराव का किरदार बना गले का फंदा, बैंक की नौकरी छोड़कर गर्लफ्रेंड से लेते थे जेब खर्च

बॉलीवुड से लेकर राजनीति की पिच तक परेश रावल ने खुद को साबित किया है। तकरीबन 240 फिल्मों में काम कर चुके एक्टर के करियर का फिल्म ‘हेरा फेरी’ और ‘फिर हेरा फेरी’ में निभाया गया बाबूराव का किरदार आइकॉनिक है। हालांकि परेश रावल इसे अपने करियर के लिए गला का फंदा मानते हैं। इन दिनों इस फिल्म को लेकर परेश विवादों में भी खूब हैं। उनके राजनीतिक करियर की बात करें तो उन्होंने राजनीति में आने के बारे में कभी नहीं सोचा था। यहां तक कि उनकी पत्नी स्वरूप संपत ने यह तक कह दिया था कि वो नगर निगम का चुनाव भी नहीं जीत सकते। परेश रावल आज उम्र के 70वें पड़ाव पर हैं, आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़े कुछ और खास किस्से… बचपन से ही थिएटर की तरफ झुकाव था 30 मई 1955 को मुंबई की एक मिडिल क्लास गुजराती परिवार में जन्मे परेश रावल का बचपन से ही थिएटर की तरफ झुकाव था। वो एक्टर बनना चाह रहे थे। उनके पिता दह्याल रावल बिजनेसमैन थे। उन्होंने कभी भी परेश को नाटक करने से नहीं रोका। स्कूल के दिनों से ही परेश रावल नाटकों में हिस्सा लिया करते थे। 15 साल की उम्र में सबसे पहले उन्हें एक नाटक में काम करने का मौका मिला था। थिएटर के समय ही हुई स्वरूप से मुलाकात थिएटर में ही काम करने के दौरान ही परेश रावल की मुलाकात स्वरूप संपत से हुई। 1975 में दोनों कॉलेज स्टूडेंट थे। परेश रावल की एक स्टेज परफॉर्मेंस देखकर स्वरूप संपत उनकी फैन हो गई थीं। वह इतनी एक्साइटेड थीं कि शो खत्म होते ही बैकस्टेज पहुंचकर परेश का नाम और काम के बारे में पूछने लगीं। उनकी एक्टिंग की तारीफ की। परेश और स्वरूप की इस छोटी सी मुलाकात ने दोनों को एक-दूसरे का काफी अच्छा दोस्त बना दिया। फिर दोस्ती से प्यार तक पहुंचने में दोनों को देर नहीं लगी। पहली ही नजर में स्वरूप पर फिदा हो गए थे एक इंटरव्यू के दौरान परेश रावल ने इंट्रेस्टिंग लव स्टोरी शेयर की थी। एक्टर ने कहा था- पहली बार स्वरूप को देखते ही उन पर फिदा हो गया था। जब यह बात अपने दोस्त महेंद्र जोशी को बताई तो उसने कहा कि तुझे पता है तू जिस कंपनी में काम कर रहा है उसके बॉस की बेटी है। मैंने कहा कि किसी की भी बेटी हो, बहन हो, मां हो, मैं इसके साथ शादी करूंगा। पेड़ के नीचे सात फेरे लिए धीरे-धीरे बात शादी तक पहुंची, लेकिन एक मुश्किल ये थी कि काफी लोग दोनों के बीच के रिश्ते के बारे में नहीं जानते थे। एक इंटरव्यू में परेश रावल की पत्नी स्वरूप ने बताया था- लोगों को इसकी जानकारी न हो इसलिए हमने मुंबई के लक्ष्मीनारायण मंदिर में एक पेड़ के नीचे सात फेरे लिए क्योंकि मंदिर में मंडप नहीं था। इस दौरान 9 पंडित मंगल मंत्र जाप कर रहे थे। तीन दिन में ही छोड़ दी बैंक की नौकरी थिएटर में काम करने के दौरान परेश रावल के लिए सर्वाइव करना मुश्किल हो रहा था। इसलिए उन्होंने बैंक ऑफ बड़ौदा में नौकरी कर ली। थिएटर के प्रति परेश रावल का ऐसा जुनून था कि वह बैंक की नौकरी से बोर होने लगे। बैंक की नौकरी छोड़ने के बाद जब परेश आर्थिक तंगी का शिकार हो गए, तब वह जेब खर्च के लिए अपनी गर्लफ्रेंड स्वरूप संपत से पैसे लेते थे। इस बात का खुलासा परेश ने अनुपम खेर के शो पर किया था। बता दें कि संपत एक्ट्रेस रह चुकी हैं, इतना ही नहीं, संपत ने साल 1979 में मिस इंडिया का खिताब भी जीता था। गुजराती फिल्म से हुई करियर की शुरुआत परेश रावल की फिल्मों में एक्टिंग की शुरुआत गुजराती फिल्म ‘नसीब नी बलिहारी’ से हुई थी, जो 1982 में रिलीज हुई थी। इसके बाद बॉलीवुड में उन्होंने 1984 में डायरेक्टर केतन मेहता की फिल्म ‘होली’ से डेब्यू किया। इस फिल्म के नाम की तरह परेश रावल के फिल्मी करियर के कैनवास में भी कई रंग के किरदार शामिल हैं। गुजराती और हिंदी के अलावा परेश रावल मराठी और तेलुगु फिल्मों में भी अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके हैं, लेकिन सबसे ज्यादा लोकप्रियता उन्हें डायरेक्टर प्रियदर्शन की फिल्म ‘हेरा फेरी’ के किरदार बाबूराव से मिली। हेरा फेरी का किरदार बना गले का फंदा फिल्म ‘हेरा फेरी’ सीरीज में परेश रावल के किरदार बाबूराव को खूब सराहना मिली। आज भी इस किरदार की खूब चर्चा होती है, लेकिन अब परेश के लिए यह किरदार गले का फंदा बन गया है। इस बात का जिक्र परेश रावल ने लल्लनटॉप के साथ एक इंटरव्यू में किया। परेश ने कहा कि उनके काम की तारीफ तो होती है, लेकिन वो उनके लिए गले का फंदा है। साथ ही परेश ने बताया कि उन्होंने अलग-अलग डायरेक्टर के पास जाकर उनसे दरख्वास्त की थी कि वो बाबूराव का किरदार लेकर कोई और फिल्म बनाएं और अलग कहानी दर्शकों को परोसे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। बाबूराव के किरदार से घुटन हो रही थी एक्टर ने कहा था- बाबूराव का किरदार मेरे गले का फंदा बन गया है। सभी लोग मुझे हेरा फेरी जैसे किरदार में लेना चाहते थे। मुझे इस किरदार में घुटन हो रही थी। फिर हेरा फेरी के रिलीज के बाद मैं 2007 में विशाल भारद्वाज के पास गया। उनसे कहा कि एक फिल्म है ‘डांसर इन द डार्क’। बहुत ट्रैजिक कहानी है। उसमें जो लड़की है, मोटा चश्मा लगाती है और बिल्कुल बाबूराव की बेटी लगती है। मैंने कहा कि इस गेटअप के अंदर मुझे दूसरा किरदार चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं रीमेक नहीं करता। सीक्वल फिल्म ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ की तरह होनी चाहिए परेश ने आगे बताया- मैं 2022 में आर बाल्की के पास गया। मैंने कहा कि इसी गेटअप में मुझे दूसरा किरदार दो, इस किरदार में दम घुटता है। जब आप सीक्वल पर सीक्वल करते हो, तो आप वही चीज दोबारा दिखाते हो। सीक्वल फिल्म ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ और ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ की तरह होनी चाहिए। हेरा फेरी का बाबूराव तो 500 करोड़ गुडविल वाला किरदार है। इसे लेकर उड़ान भरा जा सकता है, लेकिन वहां भी बात नहीं बनी। मुन्ना भाई एमबीबीएस में काम करने वाले थे परेश रावल फिल्म ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ में डॉ. अस्थाना का किरदार निभाने वाले थे, लेकिन उन्होंने फिल्म छोड़ दी। बाद में इस किरदार को बोमन ईरानी ने निभाया। एक इंटरव्यू के दौरान ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ से जुड़ा एक किस्सा शेयर करते हुए परेश रावल ने कहा था- विधु विनोद चोपड़ा ने फिल्म के लिए संपर्क किया था। फीस की बात चली तो मैंने 15 लाख रुपए की डिमांड की। मैं तो एक रुपए में भी फिल्म कर लूंगा विधु विनोद चोपड़ा ने अहंकार के साथ कहा कि मैं तुम्हें 15 लाख रुपए दूंगा? मुझे गुस्सा आ गया। बात पैसे की नहीं थी। जिस लहजे से विधु विनोद चोपड़ा ने कहा था। वह मुझे बहुत बुरा लगा। अगर मेरे कंधे पर हाथ रखकर विनम्रता से कोई पूछे तो मैं 1 रुपए में भी फिल्म कर लूंगा। वरना करोड़ों में भी काम नहीं करूंगा। यूरिन पीने के 15 दिन बाद ठीक हो गए द लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में परेश रावल ने पेशाब पीने से जुड़ा एक किस्सा शेयर किया। एक्टर ने कहा- राजकुमार संतोषी की फिल्म ‘घातक’ की शूटिंग के दौरान घुटने में चोट लगी थी। नानावटी अस्पताल में इलाज चल रहा था। उसी दौरान वीरू देवगन भी अस्पताल में किसी से मिलने आए थे। जब उनको मेरे बारे में पता चला तो मेरे पास आकर पूछे कि क्या हुआ है? मैंने उन्हें अपने पैर की चोट के बारे में बताया। उन्होंने मुझे सुबह उठकर सबसे पहले अपना पेशाब पीने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सभी फाइटर ऐसा करते हैं। आपको कभी कोई परेशानी नहीं होगी। उन्होंने मुझे शराब, मटन या तंबाकू नहीं खाने को कहा, जो मैंने बंद कर दिया था। फिर मैंने बीयर की तरह सिप-सिप करके सुबह अपना पहला यूरिन पिया। इससे फायदा हुआ। 15 दिनों तक ऐसा करने के बाद जब एक्स-रे रिपोर्ट आई तो डॉक्टर भी हैरान रह गए। डॉक्टर ने एक्स-रे में एक सफेद लाइनिंग देखी, जो यह दिखाती है कि यह ठीक हो गई है। जबकि चोट ठीक होने में आमतौर पर दो से ढाई महीने लगते हैं। लगा नरेंद्र मोदी पीएम बन सकते हैं, इसलिए राजनीति में आया परेश रावल ने साल 2014 में अहमदाबाद ईस्ट सीट से 3 लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी। एक्टर ने अपने पॉलिटिकल करियर के बारे में बात की। अय्याशी की आदत हो जाती कहा- सांसद बनने के बाद मुझे बंगला दिया गया था, लेकिन मैंने इनकार कर दिया। मुंबई में फ्लैट में रहता हूं। मेरी बंगला वाली मेंटैलिटी नहीं है। बंगले की आदत लग गई न तो दूसरी बार चुनाव लड़ने का दिल करेगा। बंगला में छोड़ नहीं पाऊंगा, क्योंकि ढाई तीन एकड़ वाला 7-8 कमरे का बंगला, ये हरियाली…ये अय्याशी की आदत हो जाती है। नसीर-आमिर और शाहरुख का कोई छिपा हुआ एजेंडा नहीं नसीरुद्दीन शाह बीजेपी सरकार के मुखर आलोचक रहे हैं, खासकर मुस्लिमों के साथ भेदभाव के मुद्दे पर। परेश रावल नसीरुद्दीन शाह को अपना आदर्श मानते हैं। परेश रावल को इस बात से आपत्ति नहीं है कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के उनके साथी सरकार की आलोचना करते हैं। _____________________________________________________ परेश रावल से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें.. ‘हेरा फेरी 3’ विवाद पर परेश रावल के वकील बोले:स्क्रिप्ट, स्क्रीनप्ले और एग्रीमेंट कुछ भी नहीं मिला, ऐसे में कोई केस बनता ही नहीं फिल्म हेरा फेरी 3 विवाद पर पहली बार परेश रावल के वकीलों आनंद एंड नाइक ने चुप्पी तोड़ी है। फिल्म छोड़ने के चलते एक्टर पर लग रहे आरोपों पर उन्होंने अपना पक्ष रखा और कहा कि फिल्म छोड़ने का उनका फैसला सही और कानून के मुताबिक है। पूरी खबर पढ़ें..बॉलीवुड | दैनिक भास्कर

Copyright © asianownews.com | Newsever by AF themes.