बिग बॉस 18 के विजेता भले ही करण वीर मेहरा रहे, लेकिन इस बार के सीजन में विवियन डीसेना शुरू से ही बिग बॉस के लाडले बन गए थे। ऐसे में लोगों को उम्मीद थी कि सीजन की ट्रॉफी वही लेकर जाएंगे। हालांकि, ज्यादा वोट के साथ करण ने सीजन की विनिंग हासिल की, और विवियन फर्स्ट रनर-अप बने। दैनिक भास्कर से खास बातचीत में विवियन डीसेना ने कहा कि भले ही शो के विनर वे नहीं बने, लेकिन उन्हें जनता का बहुत प्यार मिला और यह किसी ट्रॉफी से कम नहीं है। आप शुरुआत से ही बिग बॉस के लाडले रहे हैं। ऐसे में यह जर्नी आपके लिए कैसी रही? मेरे लिए बिग बॉस का सफर काफी शानदार रहा। मुझे हमेशा से डर था कि यह रियलिटी शो मेरे बस की बात नहीं है, क्योंकि मैं फैमिली से दूर बिल्कुल भी नहीं रह पाऊंगा। घर के अंदर बंद रहना तो मुझे आता ही नहीं था। लेकिन वो कहते हैं ना कि अगर आप किसी चीज से डरते हैं, तो या तो उससे दूर भाग जाइए या फिर उसका सामना कीजिए। जितना दूर रहेंगे, उतना ही डर बढ़ेगा और अगर उसका सामना करेंगे तो वह डर खत्म हो जाएगा। बस मेरा भी डर खत्म हो गया। बिग बॉस में हमें लड़ाई-झगड़े देखने को मिलते हैं। यही इस शो की खासियत है। लेकिन आपका स्वभाव इससे अलग है, तो क्या आप इसे अपनी हार का कारण मानते हैं? नहीं, बिग बॉस का घर एक ऐसी जगह है, जहां डायवर्सन नहीं होते। आमतौर पर, अगर आप जिंदगी से परेशान होते हैं तो आप घरवालों से बात कर लेते हैं, या अगर किसी बात से इरिटेट होते हैं तो आप एक-दूसरे के साथ उसे डिस्कस कर लेते हैं। यानी, कुछ न कुछ ऐसा कर लेते हैं, जिससे आपका दिमाग कहीं और लग सके। लेकिन बिग बॉस का घर एक ऐसी जगह है, जहां आपके इमोशन्स कंट्रोल नहीं हो पाते और आप तुरंत अपना रिएक्शन देते हैं। मेरे ख्याल से यही इस जर्नी की सबसे प्यारी बात है। अगर आपने उस सिचुएशन को जीत लिया, तो समझ लीजिए आपने जिंदगी जीत ली। रही बात गुस्से कि तो जहां मुझे गुस्सा आया है, वहां मैंने चिल्लाया है, लेकिन फालतू में किसी पर गुस्सा निकालना मेरी आदत नहीं है। कैमरे में दिखने के लिए या किसी विवाद को बढ़ाने के लिए मैं ऐसा नहीं कर सकता। शो की शुरुआत में किसी के साथ आपकी दोस्ती दिखी, लेकिन बाद में आपको पता चला कि वह दोस्ती नहीं थी। फिर फिनाले में जब आप स्टेज पर आए, तो एक इमोशनल मूमेंट देखने को मिला। आप इसे कैसे देखते हैं? जिंदगी में हर इंसान की अपनी सोच होती है। हम दोनों अलग-अलग लोग हैं। उसने अपने हिसाब से चीजें कीं और मैंने अपने हिसाब से। जहां तक बात है घर से बाहर आने पर इमोशनल होने की, तो मेरे जो इमोशन्स थे, वो मेरी पूरी जर्नी के लिए थे। जब बिग बॉस बोल रहे थे, तो मेरी आंखों के सामने मेरी पूरी जर्नी नजर आ रही थी, इसलिए मैं इमोशनल हुआ। जहां तक माफ करने की बात है, तो शायद किसी के लिए कुछ दिल में रखना ज्यादा तकलीफ देता है, बजाए उसे माफ करने के। इस पूरी जर्नी में सबसे ज्यादा चैलेंजिंग क्या था और जो दोस्ती और रिश्ते बनाए, उन्हें आप कैसे देखते हैं? सबसे चैलेंजिंग बात यह थी कि फैमिली से दूर रहना। मुझे बस यह डर था कि मेरी तरफ से किसी से कुछ गलत न हो जाए। कई ऐसे मौके आए थे, जब मुझे लगता था कि अब मेरा गुस्सा फूट पड़ेगा, लेकिन मैंने जैसे-तैसे उसे कंट्रोल किया। इसलिए, मैं कुछ भी बोलने से पहले हमेशा सिचुएशन को समझना पसंद करता था। शो न जीतने से फैंस का दिल टूटा है, आप उन्हें क्या कहेंगे? और क्या इस बार बिग बॉस में आना आपका सही फैसला था? अगर आज मैं यहां हूं, तो इसके पीछे कोई ना कोई कारण जरूर होगा। हमें भले ही ट्रॉफी ना मिली हो, लेकिन मैं मानता हूं कि हर चीज के पीछे कोई भलाई और अच्छाई जरूर होती है, जो हमें उस वक्त नजर नहीं आती। इसलिए मुझे किसी बात की कोई शिकायत नहीं है। मैं समझता हूं कि मेरे फैंस इमोशनल हैं और उन्हें लगता है कि ट्रॉफी घर आनी चाहिए थी, लेकिन मैंने इतना प्यार पाया तो यह मेरे लिए किसी ट्रॉफी से कम नहीं है।बॉलीवुड | दैनिक भास्कर
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