फिल्ममेकर हंसल मेहता ने इंडस्ट्री में आने वाले नए टैलेंट पर बात की है। सिनेवेस्टर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के दूसरे एडिशन में उन्होंने नई प्रतिभाओं पर दांव लगाने और बड़े नामों को बार-बार मौके देने का फायदे और नुकसान पर अपनी राय जाहिर की। हंसल ने नए कलाकारों को कास्ट करने पर कहा अभी के समय में बहुत सारे टैलेंट हैं लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया जा रहा है। सेप्टी के नाम पर उस रास्ते के ही बंद कर दिया गया है। जिन बड़े नामों को बार-बार मौका मिल रहा है, वे कितनी बार असफल रहे हैं? उनके सक्सेस का प्रतिशत क्या है? जब वे असफल होते हैं तो वे असल में आपको डुबा देते हैं। अगर आप नए कलाकारों को कास्ट करने का जोखिम लेते हैं तो आपको नुकसान कम होगा। और इसके फायदे कई होंगे। डायरेक्टर ने उदाहरण देते हुए बताया कि 2000 के दशक में यूटीवी जैसे स्टूडियो थे, जो न्यूकमर को सपोर्ट करते थे। अप्लॉज एंटरटेनमेंट गांधी, जहान कपूर और गगन देव रियाल जैसे कलाकारों को सपोर्ट कर, उन्हें सफल बनाकर कुछ ऐसा ही कर रहा है। उन्होंने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस मुद्दे के बारे में लिखा भी था। गुरुवार को दक्षिण कोरियाई फिल्म ‘ए नॉर्मल फैमिली’ के साथ सिनेवेस्टर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत हुई। इसमें विक्रमादित्य मोटवानी, नंदिता दास, अभिषेक चौबे और हनी त्रेहान जैसी फिल्मी हस्तियों के साथ सेशन का आयोजन किया गया।बॉलीवुड | दैनिक भास्कर
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