नई दिल्ली। बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों (Attack on Hindu Temples in Bangladesh) पर हमला हुआ है। यहां अल्पसंख्य के रूप में रह रहे हिंदुओं पर हुए हमले में कम से कम दस लोगों के मारे जाने की सूचना है। हालांकि, अभी तक चार लोगों के मौत की पुष्टि हुई है। बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हुए हमलों के बाद 22 जिलों में बॉर्डर गार्ड के जवान तैनात कर दिए गए हैं। सोशल मीडिया पर पवित्र कुरान के अपमान की अफवाह के बाद हिंदुओं के घरों और दुकानों को भी निशाना बनाया गया। देश में कई जगह हिंसक घटनाओं के बाद मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया है।
इस बीच, प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एक बयान जारी कर कहा है कि हिंसा में शामिल किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा, इससे फर्क नहीं पड़ता कि उनका धर्म क्या है। गुरुवार को बांग्लादेश में दुर्गा पूजा का पर्व मनाया गया। इस दौरान हसीना ने राजधानी ढाका के ढाकेश्वरी मंदिर पहुंचकर हिंदू समुदाय के लोगों से मुलाकात की।
कोमिला से शुरू हुई हिंसा, कई जिलो में फैली
हिंसा पहले कोमिला इलाके में शुरू हुई और फिर आसपास के क्षेत्रों में भी फैल गई। सोशल मीडिया पर कुरान के अपमान की अफवाह फैली थी जिसके बाद प्रतिक्रिया में हिंदू मंदिरों और दुर्गा पंडालों पर हमले किए गए। सबसे पहला हमला कोमिला क्षेत्र में ही दुर्गा पंडाल (Attack on Hindu Temples in Bangladesh) पर हुआ। इसके बाद कई इलाकों से हिंसा और तनाव की खबरें आई हैं।
चिट्टागांव के कोमिला इलाके में दुर्गा पंडालों पर हुए हमलों में 4 लोगों की मौत हुई है। वहां मौजूद एक सूत्र के मुताबिक, मरने वालों की संख्या 10 से ज्यादा भी हो सकती है। चिट्टागांव के एक शख्स ने बताया कि हिंसा के बाद हिंदुओं के घरों और दुकानों को भी निशाना बनाया गया है। हमलों के बाद तनाव की स्थिति बनी हुई है।
विहिप ने हिंदुओं के सुरक्षा की मांग की
विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने बांग्लादेश (Bangladesh) में मंदिरों (Temples) और हिंदुओं के दिव्य प्रतीकों पर हमलों की घटनाओं की कड़ी निंदा की है। परिषद ने हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और हिंदुओं की सुरक्षा की मांग की है।
विहिप ने कहा कि बांग्लादेश का अल्पसंख्यक समुदाय और भी ज्यादा डरा हुआ है। बांग्लादेश की सरकार को अपने अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए कट्टरपंथी जिहादियों पर अंकुश लगाना चाहिए। हिंदू पीड़ितों को उनके जीवन, संपत्ति के नुकसान की क्षतिपूर्ति करनी चाहिए और घायलों को मुआवजा भी देना चाहिए।
केंद्रीय महासचिव बोले-बंद हो हमले
विहिप के केंद्रीय महासचिव मिलिंद परांडे ने कहा कि हिंदू अल्पसंख्यकों पर क्रूर अत्याचार और उत्पीड़न का सिलसिला जारी है। मंदिरों और हिंदू मंदिरों पर हमलों (Attack on Hindu Temples in Bangladesh) में कम से कम दो हिंदुओं की हत्या कर दी गई और 500 से अधिक घायल हो गए। बांग्लादेश में कई अन्य स्थानों पर दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान दिव्य प्रतिमाओं के अपमान की घटनाएं हुई हैं। स्थानीय चरमपंथी और आतंकवादी संगठनों द्वारा इस तरह के हमले करने के कथित आह्वान के बाद हिंदुओं पर और हमले होने की आशंका के चलते वहां की स्थिति और बिगड़ने की संभावना है।
भारत सरकार से दबाव बनाने की अपील
परांडे ने कहा कि भारत सरकार के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को बांग्लादेश सरकार पर अल्पसंख्यक हिंदुओं के जीवन और संपत्ति और उनके आध्यात्मिक-धार्मिक-सांस्कृतिक विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास की रक्षा के लिए उचित कार्रवाई करने के लिए दबाव बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब हिंदुओं पर अत्याचार की बात आती है तो संयुक्त राष्ट्र चुप्पी साध जाता है। मानवाधिकार एजेंसियां कार्रवाई से क्यों कतराती हैं? बांग्लादेश सरकार (GOB) को कट्टरपंथी जिहादियों की तत्काल गिरफ्तारी होनी चाहिए।
उन्होंने आश्वासन दिया कि विश्व हिंदू परिषद सहित पूरा हिंदू समाज बांग्लादेश के प्रताड़ित हिंदुओं के साथ खड़ा है और हम उनकी हर संभव मदद करेंगे।