November 22, 2024
CIA Chief William Burns

Taliban से गुपचुप समझौता कर रहा अमेरिकाः CIA चीफ व तालिबान के प्रमुख नेता मुल्ला बरादर की सीक्रेट मीटिंग

मुल्ला बरादर और बर्न्स (CIA Chief William Burns) के बीच काफी पहले से पहचान है। तालिबानी नेता मुल्ला बरादर को जब पाकिस्तान की आईएसआई ने गिरफ्तार कर अमेरिका के हवाले किया था तो उस वक्त बर्न्स भी इस मिशन का हिस्सा थे।

काबुल। आखिरकार अमेरिका तालिबानी सरकार से समझौता करने की कोशिशों में जुट ही गया है। अमेरिकी सेनाओं का 31 अगस्त के बाद अफगानिस्तान में रहने के बयान के बाद तालिबान द्वारा मिली धमकी के बाद सीआईए चीफ विलियम बर्न्स (CIA Chief William Burns) काबुल पहुंचे थे।

सीक्रेट मिशन के तहत अचानक काबुल पहुंचे सीआईए चीफ (CIA Chief William Burns) ने तालिबान के प्रमुख नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर से मुलाकात की। इस मीटिंग का खुलासा अमेरिकी अखबार ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ ने किया। हालांकि, अमेरिकी विदेश मंत्रालय या व्हाइट हाउस इस मसले पर चुप्पी साध लिया है। माना जा रहा है कि अमेरिका तालिबान को मनाने में लगा हुआ है।

वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के चीफ बर्न्स सोमवार सुबह एक अचानक काबुल पहुंचे और वहां तालिबानी नेता बरादर से मुलाकात की।
काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका का कोई टॉप डिप्लोमेट पहली बार अफगानिस्तान में किसी से मिला है। हालांकि, साफ तौर पर कोई अधिकारी तो नहीं बोल रहा है, अफसरों का कहना है कि यह बहुत संवेदनशील मामला है।

अफगानिस्तान से अमरीकियों को तय समयसीमा तक निकालना मुश्किल

रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के सहयोगी और नाटो देश दबाव डाल रहे हैं कि अमेरिकी सैनिक 31 अगस्त के बाद कुछ दिन और काबुल में रहें। यह इसलिए क्योंकि वे अपने नागरिकों और मददगार अफगानियों को वापस ला सकें।

दूसरी तरफ, तालिबान धमकी दे रहा है कि अगर अमेरिकी सैनिक 31 अगस्त के बाद भी मुल्क से वापस नहीं गए तो परिणाम भुगतना पड़ेगा।
इन स्थितियों से निपटने के लिए सीआईए चीफ विलियम बर्न्स (CIA Chief William Burns) को काबुल भेजा गया है। बर्न्स न केवल खुफिया चीफ हैं बल्कि एक जाने माने डिप्लोमेट भी हैं।

दोनों की है पुरानी पहचान

मुल्ला बरादर और बर्न्स (CIA Chief William Burns) के बीच काफी पहले से पहचान है। तालिबानी नेता मुल्ला बरादर को जब पाकिस्तान की आईएसआई ने गिरफ्तार कर अमेरिका के हवाले किया था तो उस वक्त बर्न्स भी इस मिशन का हिस्सा थे। बरादर अमेरिका में करीब आठ साल तक जेल में रहा।

बरादर को 2018 में रिहा किया गया था। यही नहीं कतर और दोहा में अमेरिका से हुई बातचीत में भी बरादर और बर्न्स दोनों शामिल थे। बरादर सोवियत सेनाओं के खिलाफ भी लड़ चुका है। सीआईए चीफ (CIA Chief William Burns) रूस में अमेरिकी एम्बेसेडर रह चुके हैं। अप्रैल में भी वो काबुल जा चुके हैं।

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