Europa Clipper Mission: दुनिया की सुप्रसिद्ध अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA), यूरोपा क्लिपर मिशन लांच करने जा रहा है। यह मिशन बृहस्पति ग्रह यानी ज्यूपिटर के पानी वाले चंद्रमा यानी यूरोपा पर लांच किया जाएगा। इस मिशन के तहत अमेरिकी स्पेस एजेंसी, स्पेसक्रॉफ्ट के साथ एक अनोखा संदेश भेज रही है। इस संदेश को हिंदी सहित दुनिया की 103 भाषाओं में रिकॉर्ड किया गया है। यह मिशन अक्टूबर 2024 में लांच किया जाएगा।
दरअसल, वैज्ञानिकों का मानना है कि बृहस्पति ग्रह के पानी वाले चंद्रमा, जिसे यूरोपा कहते हैं, पर बर्फीली परत के नीचे एक महासागर का स्ट्रांग एविडेंस है। उस महासागर में पृथ्वी के सभी महासागरों पर मौजूद पानी की तुलना में दोगुनी मात्रा में पानी है।
यूरोपा क्लिपर मिशन, इस पानी के स्रोत और वहां मौजूद पानी की वजह से जीवन की संभावनाओं को पता लगाने के लिए है। पृथ्वी के अलावा किसी भी दूसरे ग्रह पर जीवन की संभावनाओं को तलाशने के लिए दशकों से दुनिया भर के वैज्ञानिक प्रयासरत हैं।
यूरोपा क्लिपर मिशन के स्पेसक्रॉफ्ट में अनोखा मैसेज भी जाएगा
अक्टूबर 2024 में बृहस्पति के पानी वाले चंद्रमा पर यूरोपा क्लिपर मिशन लॉन्च के साथ एक अनोखा मैसेज भी भेजा जाएगा। स्पेसक्रॉफ्ट के साथ भेजा जाने वाला यह मैसेज दुनिया की 103 भाषाओं में तैयार किया गया है। इन 103 भाषाओं में हिंदी भी शामिल है।
यह संदेश धातु टैंटलम से बनी 7 गुणा 11 इंच की प्लेट पर उकेरा गया है। प्लेट में दोनों तरफ ग्राफिक एलीमेंट हैं जो पृथ्वी पर बोली जाने वाली 100 से अधिक भाषाओं में पानी शब्द की रिकॉर्डिंग हैं जो यूरोपा के साथ ग्रह के संबंध को उजागर करते हैं।
नासा ने कहा कि भाषाविदों ने दुनिया भर से 103 भाषाओं में बोले जाने वाले शब्द पानी की रिकॉर्डिंग एकत्र की है। फिर ऑडियो फ़ाइलों को वेव फार्मेट में तब्दील किया गया है। ये तरंगें अमेरिकी सांकेतिक भाषा में पानी के प्रतीक चिन्ह से निकलती हैं। प्लेट पर तरंगों में से एक में पानी शब्द लिखा हुआ है जिसका उच्चारण हिंदी में जल शब्द के रूप में किया जाता है।
दरअसल, यह मैसेज वायेजर मिशन पर भेजे गए गोल्डेन रिकॉर्ड के आइडिया से लिया गया है। जो आज भी सोलर सिस्टम के बाहर इंटरस्टेलर स्पेस में यात्रा करता है।
इन चीजों को भी लेकर जाएगा स्पेसक्रॉफ्ट
लिंगुस्टिक प्लेट के अलावा स्पेसक्रॉफ्ट, अमेरिकी कवि एडा लिमोन की हस्तलिखित “इन प्रेज ऑफ मिस्ट्री: ए पोएम फॉर यूरोपा” की उकेरी गई प्रति भी लेकर जा रहा। साथ ही एक सिलिकॉन माइक्रोचिप स्टेंसिल भी लेकर जाएगा जिस पर दुनिया भर के लोगों द्वारा प्रस्तुत किया गया 2.6 मिलियन से अधिक नाम हैं।
हालांकि, वैज्ञानिकों का कहना है कि यूरोपा क्लिपर का मुख्य विज्ञान लक्ष्य यह निर्धारित करना है कि क्या बृहस्पति के बर्फीले चंद्रमा, यूरोपा के नीचे ऐसे स्थान हैं जो जीवन का समर्थन कर सकते हैं।
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