Indo-China Relationship: चीन विवादित अक्साई चिन क्षेत्र में सुरंग बना रहा है। मैक्सार की सैटेलाइट तस्वीरों में इसका खुलासा हुआ है। देपसांग से 60 किमी दूर एक नदी घाटी के किनारे पहाड़ी पर सुरंगें होने का दावा है। इनका इस्तेमाल सैनिकों और हथियारों को रखने के लिए किया जा सकता है।
जियो-इंटेलिजेंस एक्सपर्ट्स ने तस्वीरों के आधार पर बताया कि नदी के दोनों तरफ ऐसे 11 स्ट्रक्चर हैं, जहां बंकर बनाए जा रहे हैं। NDTV ने मैक्सार की तस्वीरों के हवाले से रिपोर्ट दी कि इन जगहों पर पिछले कुछ महीनों में तेजी से कंस्ट्रक्शन बढ़ा है। चीन अपने बड़े हथियारों और सैनिकों को भारत की तरफ से एयरस्ट्राइक से बचाना चाहता है। इसी वजह से वो टनल बना रहा है।
पीएम बोल रहे झूठ
चीन की तरफ से मैप में भारत के हिस्से को अपना बताने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार सुबह कहा, ‘मैं सालों से कह रहा हूं कि जो प्रधानमंत्री ने कहा कि एक इंच जमीन नहीं गई, ये झूठ है। मैं लद्दाख से आया हूं। PM मोदी ने कहा था कि लद्दाख में एक इंच जमीन नहीं गई। ये सरासर झूठ है।’ राहुल गांधी ने कहा, ‘पूरा लद्दाख जानता है कि चीन ने हमारी जमीन हड़प ली। ये मैप की बात बड़ी गंभीर है। मगर इन्होंने जमीन तो ले ली है। उसके बारे में भी प्रधानमंत्री को कुछ कहना चाहिए।’
फोटोज में चार नए बंकर
18 अगस्त की सैटेलाइट तस्वीरें घाटी के किनारे चार नए बंकरों को बनाए जाने का संकेत देती हैं। साथ ही तीन सुरंग क्षेत्रों के साथ हर साइट पर दो और पांच पोर्टल या सुरंगें हैं, जो पहाड़ी पर बनाई जा रही हैं। कई जगहों पर भारी मशीनरी भी नजर आ रही है।
घाटी के बीच में मौजूद एक सड़क भी पहले से चौड़ी कर दी गई है। तस्वीरों से ये भी पता चलता है कि सीधे हमलों से बचने के लिए बंकरों के चारों ओर मिट्टी उठाई गई है। एंट्री और एग्जिट पॉइंट पर एक कांटा जैसा स्ट्रक्चर बनाया गया है, जो बमबारी के असर को कम कर सकेगा।
सैटेलाइट इमेजरी एक्सपर्ट डेमियन सायमन ने कहा- सीमा के इतने करीब अंडरग्राउंड फैसिलिटी बनाकर चीन अक्साई चिन में भारतीय एयरफोर्स की मौजूदा बढ़त को कम करना चाहता है।
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