नई दिल्ली। फ्रांस में इस्लामिक कट्टरपंथ को समाप्त करने के लिए सरकार कानून बनाकर सख्त पहरा लगाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए फ्रांस की नेशनल असमेंबली ने इससे संबंधित बिल को मंजूरी दे दी है। आने वाले समय में अगर यह बिल दोनों सदनों में पारित होने के बाद कानून की शक्ल लेगा तो मस्जिदों और मदरसों पर सरकारी निगरानी बढ़ने के साथ ही बहु विवाह और जबरदस्ती शादी पर भी लगाम लगाई जा सकेगी। दरअसल इस विधेयक के तहत सरकार को इस्लाम धर्म के अनुयायियों से परहेज नहीं है, लेकिन धर्म में राजनीतिकरण से आपत्ति है।
कट्टरवाद के खिलाफ नया कानून
फ्रांस की संसद में हाल ही में नए कानून के प्रस्ताव पर मतदान हुआ। माना जा रहा है कि जल्द ही संसद के दोनों सदन इसे पारित कर देंगे। निचले सदन में हुई चर्चा में सांसदों ने देश में अतिवादी हिंसा पर चिंता जताई। कुछ महीने पहले एक शिक्षक की सरे राह दिनदहाड़े गला काटकर हुई हत्या का जिक्र भी किया गया। दरअसल पिछले साल अक्टूबर को एक शिक्षक का सिर कलम कर हत्या करने के बाद फ्रांसीसी सरकार ने चरमपंथ पर लगाम लगाने का यह ताजा प्रयास किया
फ्रांसीसी मूल्यों की रक्षा के लिए कानून जरूरी
चर्चा में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की सरकार ने कहा, फ्रांसीसी मूल्यों की रक्षा, लिंग आधारित बराबरी और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए कानून बनाया जाना जरूरी है। इस कानून से कट्टरपंथी विचारधारा पर प्रहार किया जा सकेगा। इसी विचारधारा की वजह से देश में हिंसा को बढ़ावा मिल रहा है।
गौरतलब है कि इस नए विधेयक के पास होने के बाद फ्रांस में धार्मिक संगठनों की विदेशी फंडिंग पर पूर्ण प्रतिबंध लग जायेगा। साथ ही सभी धार्मिक संगठनों और मस्जिदों को अपनी आय का ब्योरा देना होगा। सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी प्राप्त करने के लिए सभी को शपथपत्र पर हस्ताक्षर करने होंगे। इस विधेयक के पारित होने के बाद अगर कोई संगठन, धार्मिक शिक्षा देने वाले स्कूल, मस्जिद, आदि गणतंत्र के मूल्यों की आलोचना करता है, तो सरकार के पास उसे तुरंत बंद करने का अधिकार होगा। ( प्रसार भारती सेेवा)