14 दिनों में तय होगा कि नीरव भारत लाया जाएगा या नहीं?

लंदन। नीरव मोदी को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है और नहीं भी। यूनाइटेट किंगडम सरकार ने नीरव मोदी (Nirav Modi extradition) को भारत को सौंपने की मंजूरी दे दी है। यूके के गृहमंत्री ने प्रत्यर्पण की मंजूरी दी है। लेकिन कोर्ट ने नीरव को प्रत्यर्पण के खिलाफ 14 दिनों में अपील करने की भी छूट दे दी है।

नीरव पर है पीएनबी से धोखाधड़ी का आरोप

नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक से 11,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी की थी। धोखाधड़ी सामने आने के बाद वह फरार हो गया था। पंजाब नेशनल बैंक मामले में आरोपी और भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी को भारत सरकार लाने के लिए प्रयासरत थी। लेकिन नीरव के वकील ने भारत को उसका प्रत्यर्पण रोकने के लिए जूलियन असांजे का उदाहरण दिया। वकील ने कहा कि ब्रिटिश अदालत ने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे के आधार पर विकीलीक्स के संस्थापक का अमेरिका को प्रत्यर्पण रोक दिया है। नीरव मोदी अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ कानूनी लड़ाई में 2 दिन तक चलने वाली अंतिम दलीलों के लिए गुरुवार को वीडियो लिंक के जरिए अदालत के समक्ष पेश हुआ।

लंदन की जेल में बंद है नीरव मोदी

नीरव मोदी लंदन की जेल में बंद है। उसे साल 2019 में गिरफ्तार किया गया था। उसकी अब तक 2348 करोड़ की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय उसके खिलाफ 14 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की जांच कर रहा है। वर्ष 2018 में दर्ज पीएनबी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नीरव मोदी और मेहुल चैकसी समेत अन्य के खिलाफ जांच जारी है।

यूके कोर्ट ने कहा भारत में भी मिलेगी मेडिकल सुविधा

हीरा व्यापारी नीरव मोदी को भारत में प्रत्यावर्तित करने का फैसला यूके की एक कोर्ट ने दिया। इसके बाद यूके की सरकार ने उसके प्रत्यर्पण (Nirav Modi extradition) की मंजूरी दे दी है। यूके कोर्ट ने कहा है कि नीरव मोदी को भारत की जेल में पर्याप्त मेडिकल सुविधाएं दी जानी चाहिए।

नीरव भारत का अपराधी है, उसको कोर्ट का सामना करना होगा

जज ने कहा कि नीरव मोदी ने सबूत मिटाने की साजिश भी रची थी, जिसमें वह कामयाब नहीं हो सका। उसने गवाहों को भी अपने पक्ष में प्रभावित करने की कोशिश की थी। जज ने कहा कि नीरव मोदी अपराधी है और भारत में वहां के कानून के मुताबिक उस पर कार्रवाई होगी। नीरव मोदी को भारत में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज मामलों के तहत आपराधिक कार्यवाही का सामना करना होगा। इसके अलावा कुछ अन्य मामले भी उसके खिलाफ भारत में दर्ज हैं।

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