Pakistan’s Gilgit Baltistan want merger in India: कश्मीर पर अपनी नापाक नजर रखने वाले पाकिस्तान के खिलाफ उसके ही देश के वाशिंदे होते जा रहे हैं। कंगाल हो चुके पाकिस्तान में महंगाई इस कदर बढ़ी है कि लोग खाने-पीने की चीजों के लिए तरस गए हैं। आटा के लिए हर ओर हाहाकार मचा हुआ है। डेढ़ सौ रुपये किलो भाव में भी आटा मिलने में दिक्कतें हो रही हैं। आटा की दूकानों पर लोग मारा-मारी पर उतारू हैं। ऐसे में पाकिस्तान अधिकृत में उठी एक मांग ने पाकिस्तानी हुक्मरानों के पेशानी पर बल ला दिया है। दरअसल, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लोग यह मांग करना शुरू कर दिए हैं कि उनका वापस भारत में विलय कर दिया जाए। पीआके का आवाम अब भारत में विलय चाहने लगा है।
गिलगिट-बलटिस्तान के लोग मांग रहे भारत से मदद
पाकिस्तान के गिलगिट-बलटिस्तान के लोग भूख से बेदम हो रहे हैं। सरकार उनको सस्ती दर पर खाद्य सामग्री तक उपलब्ध नहीं करा पा रही है। खाने-पीने की चीजों के लिए हर ओर हाहाकार मचा हुआ है। गिलगिट-बलटिस्तान क्षेत्र में लोग अपनी सरकार के खिलाफ लगातार उग्र होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। यह लोग मांग कर रहे हैं कि उनको भारत के साथ विलय करने दिया जाए। यह लोग भारत के लोगों से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
पीओके के एक्टिविस्ट अमजद अयूब मिर्जा ने कहा है कि अब पाकिस्तानी सेना को एक और इंस्ट्रूमेंट ऑफ सरेंडर यानी समर्पण पत्र तैयार कर लेना चाहिए। इंग्लैंड में रह रहे अमजद अयूब मिर्जा ने कहा कि Pakistan के पीओके और गिलगित बलटिस्तान में हालात बेहद खराब हैं। लोग आटा तक के लिए परेशान हैं। आटा नहीं होने की वजह से खाने का संकट गहराया हुआ है। बिजली या ईंधन तक उनके पास नहीं है। आर्थिक मंदी का असर लोगों के पेट पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे लग रहा है कि अब 1971 जैसे हालात बन रहे हैं। जब ईस्ट पाकिस्तान बांग्लादेश बन गया था।
लद्दाख में फिर मिलाया जाए…
गिलगित बाल्टिस्तान के बाद अब पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) में लोग भारत के साथ विलय की मांग करने लगे हैं। लोग कारगिल सड़क फिर से खोलने की मांग कर रहे हैं। उनकी मांग है कि गिलगित-बाल्टिस्तान को भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के कारगिल जिले से मिलाया जाए। इसके लिए लोग सड़क पर आकर प्रदर्शन कर रहे हैं। लोग पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पीओके और गिलगित बाल्टिस्तान के लोग पाकिस्तान सरकार की भेदभावपूर्ण नीतियों से नाराज हैं। पाकिस्तान की सरकार ने दशकों से इस क्षेत्र का शोषण किया है। इसके चलते गिलगित बाल्टिस्तान के लोग अब भारत के साथ पुनर्मिलन की मांग कर रहे हैं। सरकार के खिलाफ किए गए विरोध प्रदर्शन के कई वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए गए हैं।
रूस से पहुंचा Pakistan में गेंहू, अभी और मदद करेगा
पाकिस्तान में गेंहू संकट को देखते हुए रूस ने गेंहू की एक बड़ी खेप भेजी थी। यह गेंहू कराची पोर्ट पर पहुंचा। पाकिस्तान ने संकट से उबरने के लिए कई देशों से गुहार लगाई है और काफी मात्रा में गेंहू आयात होने की उम्मीद जताया जा रहा है। खाद्य सुरक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने घोषणा की थी कि गेंहू से लदे दो जहाज कराची पहुंचे हैं। रूस से अतिरिक्त 4 लाख 50 हजार टन गेहूं ग्वादर बंदरगाह के रास्ते पाकिस्तान को मिलेगा। लेकिन यह पाकिस्तान की भूख को मिटाने के लिए काफी नहीं है।
पाकिस्तान में आटा के लिए मचा है हाहाकार
दरअसल, पाकिस्तान में लोगों के मुख्य आहार के प्रमुख घटकों में से एक गेहूं का आटा भी है। लेकिन आटा या गेंहू की कीमतें संकट के बीच आसमान छू गई हैं। यहां आटा 140-160 रुपये किलो बिक रहा है। कंगाल हो चुके पाकिस्तान में गेंहू का संकट भारी पड़ता जा रहा है। यहां सबसे खराब स्थिति आटा को लेकर है। किल्लत ऐसी है कि लोग खाने खाने के मोहताज होते दिख रहे हैं। गेंहू के लिए दूकानों पर भारी भीड़ जमा हो रही है। मारा-मारी छीना-झपटी हो रही। भीड़ ऐसी कि जगह जगह उसमें कुचलकर जान गंवा रहे। अबतक एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत आटा या गेंहू खरीदने के दौरान भीड़ में कुचल जाने से हो चुकी है।
दाल-चावल और आटा के लिए भटकना पड़ रहा
पाकिस्तान के लोगों को दाल-चावल और आटा के लिए भटकना पड़ रहा। कई-कई किलोमीटर दूर जाकर लंबी-लंबी लाइन लगाकर घंटों इंतजार करना पड़ रहा। आलम यह कि 25 से 30 रुपये किलो मिलने वाला आटा इस समय 140 से 160 रुपया किलो में मिल रहा है। चावल, दाल को भी पाकिस्तान की जनता खरीदने की स्थिति में नहीं दिख रही है। मसूर की दाल 250 से 300 रुपये किलो, मूंग 380-400 रुपये प्रति किलो और चना का दाल 220 से 260 रुपये किलो बाजार में हो गया है। आलू 60 रुपये किलो मिल रहा है तो साधारण चावल कम से कम 80 से 120 रुपये किलो बिक रहा है।
बासमती चावल की कीमत 380-400 रुपये किलो है। यही नहीं पेट्रोल-डीजल की कीमतें 225 रुपये प्रति लीटर से ऊपर जा चुकी हैं। 30 रुपये से 40 रुपये किलो प्याज आसानी से कुछ दिनों पहले तक मिल जाता था। लेकिन अब रोटी-प्याज तक नसीब में नहीं है। रोटी तो महंगी हुई ही थी, प्याज भी रूला रहा। प्याज की कीमत कम से कम 200 रुपये प्रति किलोग्राम हो चुका है।
क्यों परेशान है पाकिस्तान?
पाकिस्तान आर्थिक रूप से कंगाल हो चुका है। Pakistan के पास फॉरेन रिजर्व भी बेहद कम है। जो है उसे भी वह खर्च करने की स्थिति में नहीं है। जानकारों के अनुसार, पाकिस्तान के पास इस वक्त सिर्फ 6.7 अरब डॉलर का फॉरेन रिजर्व है। इसमें 2.5 अरब डॉलर सऊदी अरब, 1.5 अरब डॉलर UAE और 2 अरब डॉलर चीन के हैं। ये फंड्स सिक्योरिटी डिपॉजिट हैं। इसके खर्च नहीं किया जा सकता। हालांकि, अगर खर्च भी सरकार करे तो इससे तीन हफ्ते के ही इम्पोर्ट्स किए जा सकते हैं। पुराने कर्ज की किश्तें भी नहीं भरी जा सकतीं। उधर, चीन और सऊदी अरब ने भी कर्ज के लिए करीब-करीब ना बोल दिया है। दोनों देशों ने नई शर्त रखी है जिसे पूरा करना कंगाल पाकिस्तान के लिए मुश्किल है। चीन ने तो उल्टा शाहबाज शरीफ से पुराने कर्ज की 1.3 अरब डॉलर की किश्त मांग ली है।