Toshakhana Policy: इमरान खान पर तोशाखाना में जमा कीमती गिफ्ट्स को सस्ते में खरीदने और ऊंचे दामों में बेचने के आरोपों के बाद अब पाकिस्तान सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री सहित सरकारी अधिकारियों को 300 डॉलर से अधिक मूल्य के तोशाखाना उपहारों को रखने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
इन पर भी लगा प्रतिबंध
पाकिस्तान सरकार ने तोशाखाना नीति 2023 में अहम बदलाव करत हुए निर्देश जारी कर दिया है। साथ ही यह निर्देश दिया कि इस नीति को तत्काल प्रभाव से लागू माना जाएगा। इस नियम के अनुसार राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री सहित सरकारी अधिकारियों को 300 डॉलर से अधिक मूल्य के उपहारों को रखने पर प्रतिबंध होगा। इसके अलावा न्यायाधीशों और सिविल और सैन्य अधिकारियों पर भी $300 से अधिक मूल्य के उपहार रखने पर प्रतिबंध है।
पहले की नीति की विसंगतियों को किया समाप्त
नई नीति को 2002-2023 के रिकॉर्ड के बाद लागू किया गया है। पूर्व में यह नियम था कि शीर्ष राजनीतिक नेता या अधिकारी या कोई अन्य ओहदादार व्यक्ति तोशाखाना गिफ्ट्स को न्यूनतम भुगतान करने के बाद उसे अपने पास रख सकता था।
अब ऐसा नहीं हो सकेगा…
पाकिस्तान सरकार ने लाखों रुपये के वाहन, घड़ियां, ज्वैलरी और अन्य उपहार अपने पास रखने पर रोक लगा दी है। राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, कैबिनेट सदस्यों, न्यायाधीशों और नागरिक और सैन्य अधिकारियों पर 300 डॉलर से अधिक के उपहार रखने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है जबकि उन्हें घरेलू और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से उपहार के रूप में नकद प्राप्त करने पर भी रोक लगा दी गई है। उपहार के रूप में प्राप्त वाहनों और मूल्यवान प्राचीन वस्तुओं को खरीदने के लिए किसी भी व्यक्ति को अधिकृत नहीं किया जाएगा।
राष्ट्रपति और पीएम के अलावा अन्य अधिकारियों पर उनके परिवारों को मिले सोने और चांदी के सिक्के स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) को सौंपे जाएंगे।
क्या है तोशाखाना गिफ्ट्स?
तोशाखाना विभाग पाकिस्तान में है। किसी राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या संवैधानिक पद पर रहे व्यक्ति को अगर किसी विदेशी मेहमान या गणमान्य व्यक्तियों द्वारा कोई उपहार मिलता है तो उसे देश की संपत्ति मानते हुए तोशाखाना में जमा करा दिया जाता है। सरकार की नीति के अनुसार, ये उपहार राजनीतिक और नौकरशाही अभिजात वर्ग, नागरिक और सैन्य दोनों, और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को मिलते हैं जब वह किसी सरकार विदेशी दौरे पर जाते हैं। समाज के इन सबसे प्रभावशाली वर्गों को पारंपरिक रूप से आधिकारिक विदेशी दौरों के दौरान या विदेशों के गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त उपहारों को अत्यधिक रियायती दरों पर रखने की अनुमति है। यही नहीं इन उपहारों को संघीय सरकार और सशस्त्र बलों के अधिकारियों को नीलाम किया जाता है। जो कुछ बच जाता है वह तोशखाना का हिस्सा बन जाता है। लेकिन अधिकतर इन उपहारों को बेहद कम कीमत देकर अपने पास ही रख लेते थे।
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