कीव। रूस (Russia) का यूक्रेन (Ukraine war) पर हमले का सातवां दिन है। सात दिनों के ताबड़तोड़ हमले के बाद यूक्रेन की धरती तबाही की ओर है। हर ओर तबाही का मंजर है। लोग घरों में पड़े ईश्वर को याद कर रहे हैं। चारों तरफ बम धमाकों की धमक है। खारकीव में रूसी सैनिकों के लगातार मिसाइल अटैक से आम लोग घरों में दुबके हुए हैं। खारकीव में मेयर ने शहर में गुरुवार सुबह तक कर्फ्यू लगा दिया है। उधर, खारकीव के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय भी अपने नागरिकों के लिए दो बार एडवाइजरी जारी कर चुका है। एडवाइजरी में तुरंत खारकीव शहर को छोड़ने की बात कही गई है।
यूक्रेन के बड़े शहरों में तबाही
यूक्रेन के दूसरे बड़े शहर खारकीव में हालात बेकाबू हो गए हैं। रूसी सैनिक इस शहर पर ताबड़तोड़ मिसाइल अटैक कर रहे हैं। शहर को श्मशान बनाने के लिए रूसी सैनिक लगातार हमले कर रहे हैं। इस संवेदनशील स्थिति के बाद मेयर ने शहर में 12 घंटे का कर्फ्यू लगा दिया है। यह कर्फ्यू शाम सात बजे से सुबह सात (स्थानीय समयानुसार) रहेगा।
तुरंत खाली करें शहर, चाहें पैदल ही क्यों न निकलना पड़े
खारकीव शहर को लेकर विदेश मंत्रालय भी दो बार एडवाइजरी जारी कर चुका है। मंत्रालय ने साफ तौर पर भारतीय नागरिकों से कहा है कि तुरंत शहर को खाली करके पश्चिमी शहरों का रुख करें। चाहे वाहन या पैदल ही क्यों न जाना पड़े, शहर को तुरंत खाली कर दें।
यूक्रेन इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में भी पहुंचा
आक्रमण के चाथे दिन तबाही के बीच अब यूक्रेन इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के पास पहुंचा है। हेग स्थित हेडक्वार्टर पहुंचे यूक्रेन ने रूसी सेना द्वारा भारी हमला से हुई तबाही के बारे में जानकारी दी है। अंतरराष्ट्रीय कोर्ट 7 व 8 मार्च को सुनवाई करेगा।
2 लाख से अधिक शरणार्थियों ने छोड़ा यूक्रेन
शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उप उच्चायुक्त केली क्लेमेंट्स ने कहा है कि यूक्रेन में संकट जारी रहने के कारण 40 लाख से अधिक लोग सीमा पार करने की कोशिश कर सकते हैं। 2 लाख शरणार्थियों से अधिक ने यूक्रेन छोड़ दिया है। क्लेमेंट्स ने कहा कि 850,000 लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं।
क्या है मामला?
रूस ने बीते गुरुवार को यूक्रेन पर हमला शुरू किया था। रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई का मुख्य कारण यूक्रेन का अमेरिकी नेतृत्व वाले सैन्य संगठन नाटो का सदस्य बनने की कोशिश है। यूक्रेन का नाटो और यूरोपिय यूनियन से करीबी संबंध है। रूस ने अमेरिका से इस बात की गारंटी की मांग की थी कि यूक्रेन को नाटो का सदस्य नहीं बनाया जाएगा, लेकिन अमेरिका ने इससे इनकार कर दिया। रूस यूक्रेन के नाटो सदस्य बनने को अपनी सुरक्षा के लिए संकट के रूप में देखता है।