Covid-19 वैक्सीन की 87 डोज लेने वाले 61 वर्षीय व्यक्ति की कहानी, जानिए क्यों लेनी पड़ी इतनी dose

जर्मनी में वैक्सीनेशन (Vaccination in Germany) के लिए प्रॉक्सी धंधा खूब फलफूल रहा है। यहां एक 61 वर्षीय ऐसे व्यक्ति को अरेस्ट किया गया है जिसने 87 बार वैक्सीन शॉट्स (87 shots of vaccination) लिए थे। अरेस्ट हुआ जर्मन, ऐसे लोग जो वैक्सीन नहीं लगवाना चाहते हैं, खुद वैक्सीन लगवाकर उनको वैक्सीन पासपोर्ट उपलब्ध कराता था। बदले में वह धन लेता था।

88वीं बार लेने पहुंचा था वैक्सीन शॉट

फ़्री प्रेसे पेपर के अनुसार, एक जर्मन व्यक्ति को एक या दो बार नहीं, बल्कि 87 बार COVID-19 वैक्सीन शॉट लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आदमी ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उसे एंटी-वैक्सर्स द्वारा भुगतान किया गया था जो खुद शॉट नहीं लेना चाहते थे।
रिपोर्ट के अनुसार 61 वर्षीय ने सैक्सोनी और कम से कम तीन अन्य राज्यों में अपने शॉट अभियान को अंजाम दिया।

इस तरह वह आसानी से कोविड वैक्सीन लगवा लेता…

मीडिया रिपोर्ट में स्थानीय पुलिस अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि वह हर रोज तीन अलग-अलग टीकाकरण केंद्रों में जाते थे। अपना नाम और जन्मतिथि वहां नोट कराते थे लेकिन स्वास्थ्य बीमा कार्ड नहीं जिसमें टीकाकरण की स्थिति के बारे में विवरण है। और आसानी से वैक्सीन डोज ले लेते थे। पुलिस के अनुसार उन्होंने अकेले सैक्सोनी राज्य में 87 कोरोनावायरस वैक्सीन शॉट्स लिए हैं।

इस तरह आए गिरफ्त में…

एक अन्य जर्मन प्रकाशन डीडब्ल्यू ने जर्मन रेड क्रॉस के हवाले से बताया कि ड्रेसडेन के एक केंद्र में वह वैक्सीन का शॉट लेने पहुंचे थे। इसी दौरान उनको एक स्वास्थ्य कर्मचारी ने पहचान लिया कि वह तो यहां कई बार आ चुके हैं। उसे शक हुआ तो पुलिस को सूचित कर दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि जब 61 वर्षीय एक लीपज़िग केंद्र में प्रवेश किया, तो सतर्क कर्मचारियों ने पुलिस को सूचित किया और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की मदद से उनको गिरफ्तार कर लिया गया।

रेडक्रास का आरोप वैक्सीन पासपोर्ट बेचते थे बुजुर्ग

रेड क्रॉस द्वारा बुजुर्ग व्यक्ति पर आरोप लगाया गया है कि वह टीकाकरण पासपोर्ट बेचते थे। डीडब्ल्यू के मुताबिक, सैक्सोनी और अन्य राज्यों में आपराधिक जांच शुरू कर दी गई है।

आदमी ने टीकाकरण पासपोर्ट कैसे बेचे?

फ़्री प्रेसे पेपर ने बताया कि वह व्यक्ति हर बार एक टीकाकरण केंद्र में प्रवेश करने पर अपने साथ एक नया, खाली टीकाकरण दस्तावेज लाते थे। जैब मिलने के बाद, वह वैक्सीनेशन बैच नंबर हटा देते थे। इसके बाद इस वैक्सीन पासपोर्ट को वह उन लोगों को बेच देते थे जो COVID-19 के लिए शॉट लेना नहीं चाहते थे और सिर्फ सुविधा के लिए वैक्सीन पासपोर्ट चाहते थे।