नई स्टडी के अनुसार एंटीबायोटिक दवाईयों का बढ़ता इस्तेमाल साल 2050 तक 4 करोड़ लोगों की मौत का कारण बन सकता है। इनके बार-बार इस्तेमाल से बिमारी से जुड़े बैक्टीरिया, वायरस धीरे-धीरे रसिस्टेंस पैदा कर लेते हैं, जिससे दवाईयों का असर होना बंद हो जाता है। 1990 से 2021 के बीच 10 लाख के लगभग मौतें एंटीमाइक्रोबियल रसिस्टेंस (AMR) के कारण हुई थीं। इसे रोकने के लिए लोगों में जागरुकता लाने की जरूरत है।
नई स्टडी के अनुसार एंटीबायोटिक दवाईयों का बढ़ता इस्तेमाल साल 2050 तक 4 करोड़ लोगों की मौत का कारण बन सकता है। इनके बार-बार इस्तेमाल से बिमारी से जुड़े बैक्टीरिया, वायरस धीरे-धीरे रसिस्टेंस पैदा कर लेते हैं, जिससे दवाईयों का असर होना बंद हो जाता है। 1990 से 2021 के बीच 10 लाख के लगभग मौतें एंटीमाइक्रोबियल रसिस्टेंस (AMR) के कारण हुई थीं। इसे रोकने के लिए लोगों में जागरुकता लाने की जरूरत है।
More Stories
iQOO Neo 10 Pro+ हो रहा 20 मई को लॉन्च, स्पेसिफिकेशंस का हो गया पहले ही खुलासा
Oppo 15 मई को लॉन्च करेगी 20000mAh पावर बैंक: इनबिल्ट केबल, टॉर्च, फास्ट चार्जिंग और बहुत कुछ!
UPI Down: यूपीआई नहीं कर रहा Paytm, PhonePe, GPay पर काम, ऐसे हो सकता है ठीक