भारत सरकार अब हाइड्रोजन को फ्यूल के रूप में इस्तेमाल करने वाले वाहनों की ओर बढ़ने पर फोकस कर रही है। देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन जल्द ही पटरी पर हो सकती है। सरकार इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है और कथित तौर पर भारतीय रेलवे ने इसके लिए तीसरे पक्ष के सेफ्टी ऑडिट के लिए जर्मनी की TUV-SUD को नियुक्त किया है।