कुशीनगर। महिला सम्मान व भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का दम भरने वाली सूबे की योगी सरकार के इस दावे को कुशीनगर जनपद के जिला कार्यक्रम अधिकारी शैलेन्द्र कुमार राय खुलेआम पलिता लगा रहे है। ऐसी चर्चा है कि डीपीओ एक नियोजित तरीके से सरकार की छवि धूमिल कर रहे है। शासन-सत्ता में इनका रसूख इस कदर प्रभावी है कि जिलाधिकारी व संयुक्त सचिव द्वारा डीपीओ के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति के बावजूद अब तक इनका कोई बाल बाका नही कर सका। इतना ही नही बीते दिनो हाटा विधायक ने डीपीओ के खिलाफ जांच मे दोषी पाये डीएम के रिपोर्ट के साथ बाल विकास एंव पुष्टाहार मंत्री को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की थी। किन्तु अफसोस डीपीओ के रसूख के आगे सभी बौना साबित हो रहे है।
जनपद के हाटा विधानसभा के विधायक मोहन वर्मा ने बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री को दिये गये शिकायती पत्र में कहा है कि तत्कालीन जिलाधिकारी कुशीनगर ने शिकायतो के आधार पर डीपीओ शैलेन्द्र कुमार राय के विरुद्ध जांच करायी गयी थी। जांच मे डीपीओ अपने कार्मिकों के शोषण, अवैध वसूली, नियुक्ति मे धनउगाही, दायित्वों के प्रति उदासीनता व अनुशासनहीनता के आरोप मे दोषी पाये गये। विधायक ने पत्र में मंत्री से अपेक्षा जताते हुए तत्कालीन जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट में दोषी पाये गये डीपीओ शैलेन्द्र कुमार राय के खिलाफ निलम्बन की कार्रवाई करने की मांग की है।
मुख्यमंत्री जी। कुशीनगर के जिला कार्यक्रम अधिकारी शैलेन्द्र कुमार राय के कुकर्मों की फेहरिस्त बहुत लंबी है।बात सरकार के महिला सम्मान के विपरीत महिला कर्मियों से छेडख़ानी व यौन उत्पीड़न का मामला हो या भ्रष्टाचार पर सरकार के जीरो टॉलरेंस के दावे के इतर नियुक्ति व पुष्टाहार वितरण में अवैध धन उगाही की हो। डीपीओ शैलेन्द्र कुमार राय, योगी सरकार की छवि धूमिल करने में कही पीछे नही रहे है। मजे की बात यह है कि दोषी पाये जाने के बाद भी शासन-सत्ता में बैठे जिम्मेदारो में इतनी हिम्मत नही है कि वह डीपीओ के विरुद्ध कोई कार्रवाई कर सके। यही वजह है छेडख़ानी, यौन उत्पीड़न और अवैध धन उगाही जैसे कृत को डीपीओ बेखौफ अंजाम दे रहे है।
🔴 विधायक ने डीपीओ के निलंबन की मांग की
🔴 डीएम ने डीपीओ के खिलाफ शासन को भेजे है कई पत्र
कहना ना होगा कि तत्कालीन जिलाधिकारी एस राजलिंगम द्वारा जांच मे दोषी पाये गये जिला कार्यक्रम अधिकारी शैलेन्द्र कुमार राय के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को भेजे गये पत्र मे कहा था कि डीपीओ द्वारा एक सुनियोजित तरीके से सीडीपीओ एवं मुख्य सेविकाओं का वेतन अवरूद्ध किया जाता है तथा आर्थिक शोषण कर वेतन आहरित किया जाता है। इसके अलावा किराये के भवन के भुगतान में एक नेटवर्किंग के तहत शासनादेश का पालन न कर मनमाने ढंग से किराए का भवन दिखाकर भवन किराया भुगतान कर धनराशि का बंदरबांट किया जाना पाया गया। जाँच में यह भी पाया गया कि आगनबाड़ी केन्द्रों से धनराशि की वसूली होती है तथा इस कृत्य में जिला कार्यक्रम अधिकारी शैलेन्द्र कुमार राय लिप्त है। तत्कालीन डीएम ने लिखा है कि आंगनवाड़ी केन्द्रो के निर्माण की स्वीकृति जिला कार्यक्रम अधिकारी के माध्यम से निर्गत हुई थी। इस लिए धनराशि उपलब्ध होने के बाद समय से कार्य पूर्ण नही होने पर संबंधित कार्यदायी संस्था के विरुद्ध कार्रवाई करने का दायित्व जिला कार्यक्रम अधिकारी की है जो इनके द्वारा नही किया गया। तत्कालीन डीएम ने डीओ लेटर मे लिखा है कि स्वयं उनके द्वारा कार्यदायी संस्था के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराए का निर्देश डीपीओ श्री राय को दिया गया था किन्तु डीपीओ श्री राय ने संबधित किसी भी कार्यदायी संस्था के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नही कराये और न ही कोई कार्रवाई की, जिसके वजह से न तो अपूर्ण आंगनवाड़ी केंद्र भवन पूर्ण हुए और न ही दोषियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई सुनिश्चित हो पायी। स्पष्ट है कि प्रकरण मे जिला कार्यक्रम अधिकारी शैलेन्द्र कुमार राय की ओर से अपने दायित्वों में घोर लापरवाही बरती गयी है। डीएम ने डीपीओ श्री राय के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करने की संस्तुति की थी। इसके अलवा डीएम द्वारा डीपीओ शैलेन्द्र कुमार राय के खिलाफ धन उगाही, शोषण, यौन उत्पीड़न सहित 11 बिन्दुओ पर टीम गठित कर कराये गये जांच में दोषी पाये गये डीपीओ शैलेन्द्र कुमार राय के विरुद्ध कार्रवाई करने अनुशंसा की थी। किन्तु शासन-सत्ता मे प्रभावी रसूख के कारण डीपीओ पर आज तक कोई कार्रवाई नही हुई।
🔴 यौन उत्पीड़न मामले को शासन ने लिया संज्ञान
कुशीनगर। महिला सम्मान व भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का दम भरने वाली सूबे की योगी सरकार के इस दावे को कुशीनगर जनपद के जिला कार्यक्रम अधिकारी शैलेन्द्र कुमार राय खुलेआम पलिता लगा रहे है। ऐसी चर्चा है कि डीपीओ एक नियोजित तरीके से सरकार की छवि धूमिल कर रहे है। शासन-सत्ता में इनका रसूख इस कदर प्रभावी है कि जिलाधिकारी व संयुक्त सचिव द्वारा डीपीओ के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति के बावजूद अब तक इनका कोई बाल बाका नही कर सका। इतना ही नही बीते दिनो हाटा विधायक ने डीपीओ के खिलाफ जांच मे दोषी पाये डीएम के रिपोर्ट के साथ बाल विकास एंव पुष्टाहार मंत्री को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की थी। किन्तु अफसोस डीपीओ के रसूख के आगे सभी बौना साबित हो रहे है।
मुख्यमंत्री जी। कुशीनगर के जिला कार्यक्रम अधिकारी शैलेन्द्र कुमार राय के कुकर्मों की फेहरिस्त बहुत लंबी है।बात सरकार के महिला सम्मान के विपरीत महिला कर्मियों से छेडख़ानी व यौन उत्पीड़न का मामला हो या भ्रष्टाचार पर सरकार के जीरो टॉलरेंस के दावे के इतर नियुक्ति व पुष्टाहार वितरण में अवैध धन उगाही की हो। डीपीओ शैलेन्द्र कुमार राय, योगी सरकार की छवि धूमिल करने में कही पीछे नही रहे है। मजे की बात यह है कि दोषी पाये जाने के बाद भी शासन-सत्ता में बैठे जिम्मेदारो में इतनी हिम्मत नही है कि वह डीपीओ के विरुद्ध कोई कार्रवाई कर सके। यही वजह है छेडख़ानी, यौन उत्पीड़न और अवैध धन उगाही जैसे कृत को डीपीओ बेखौफ अंजाम दे रहे है।
🔴 विधायक ने डीपीओ के निलंबन की मांग की
जनपद के हाटा विधानसभा के विधायक मोहन वर्मा ने बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री को दिये गये शिकायती पत्र में कहा है कि तत्कालीन जिलाधिकारी कुशीनगर ने शिकायतो के आधार पर डीपीओ शैलेन्द्र कुमार राय के विरुद्ध जांच करायी गयी थी। जांच मे डीपीओ अपने कार्मिकों के शोषण, अवैध वसूली, नियुक्ति मे धनउगाही, दायित्वों के प्रति उदासीनता व अनुशासनहीनता के आरोप मे दोषी पाये गये। विधायक ने पत्र में मंत्री से अपेक्षा जताते हुए तत्कालीन जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट में दोषी पाये गये डीपीओ शैलेन्द्र कुमार राय के खिलाफ निलम्बन की कार्रवाई करने की मांग की है।
🔴 डीएम ने डीपीओ के खिलाफ शासन को भेजे है कई पत्र
कहना ना होगा कि तत्कालीन जिलाधिकारी एस राजलिंगम द्वारा जांच मे दोषी पाये गये जिला कार्यक्रम अधिकारी शैलेन्द्र कुमार राय के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को भेजे गये पत्र मे कहा था कि डीपीओ द्वारा एक सुनियोजित तरीके से सीडीपीओ एवं मुख्य सेविकाओं का वेतन अवरूद्ध किया जाता है तथा आर्थिक शोषण कर वेतन आहरित किया जाता है। इसके अलावा किराये के भवन के भुगतान में एक नेटवर्किंग के तहत शासनादेश का पालन न कर मनमाने ढंग से किराए का भवन दिखाकर भवन किराया भुगतान कर धनराशि का बंदरबांट किया जाना पाया गया। जाँच में यह भी पाया गया कि आगनबाड़ी केन्द्रों से धनराशि की वसूली होती है तथा इस कृत्य में जिला कार्यक्रम अधिकारी शैलेन्द्र कुमार राय लिप्त है। तत्कालीन डीएम ने लिखा है कि आंगनवाड़ी केन्द्रो के निर्माण की स्वीकृति जिला कार्यक्रम अधिकारी के माध्यम से निर्गत हुई थी। इस लिए धनराशि उपलब्ध होने के बाद समय से कार्य पूर्ण नही होने पर संबंधित कार्यदायी संस्था के विरुद्ध कार्रवाई करने का दायित्व जिला कार्यक्रम अधिकारी की है जो इनके द्वारा नही किया गया। तत्कालीन डीएम ने डीओ लेटर मे लिखा है कि स्वयं उनके द्वारा कार्यदायी संस्था के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराए का निर्देश डीपीओ श्री राय को दिया गया था किन्तु डीपीओ श्री राय ने संबधित किसी भी कार्यदायी संस्था के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नही कराये और न ही कोई कार्रवाई की, जिसके वजह से न तो अपूर्ण आंगनवाड़ी केंद्र भवन पूर्ण हुए और न ही दोषियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई सुनिश्चित हो पायी। स्पष्ट है कि प्रकरण मे जिला कार्यक्रम अधिकारी शैलेन्द्र कुमार राय की ओर से अपने दायित्वों में घोर लापरवाही बरती गयी है। डीएम ने डीपीओ श्री राय के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करने की संस्तुति की थी। इसके अलवा डीएम द्वारा डीपीओ शैलेन्द्र कुमार राय के खिलाफ धन उगाही, शोषण, यौन उत्पीड़न सहित 11 बिन्दुओ पर टीम गठित कर कराये गये जांच में दोषी पाये गये डीपीओ शैलेन्द्र कुमार राय के विरुद्ध कार्रवाई करने अनुशंसा की थी। किन्तु शासन-सत्ता मे प्रभावी रसूख के कारण डीपीओ पर आज तक कोई कार्रवाई नही हुई।
🔴 यौन उत्पीड़न मामले को शासन ने लिया संज्ञान
ऐसी चर्चा है कि जोमैटो के महिला कर्मचारी के साथ छेडख़ानी व यौन उत्पीड़न के मामले जिलाधिकारी द्वारा कराये गये जांच मे दोषी पाये गये डीपीओ शैलेन्द्र कुमार राय के विरुद्ध इस बार कार्रवाई तय मानी जा रही है। सबब यह है कि जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज ने जांच रिपोर्ट के साथ डीपीओ शैलेन्द्र कुमार राय के खिलाफ कार्रवाई करने की जो सहमति पत्र भेजा है उसे शासन ने गंभीरता से लिया है। अब देखना दिलचस्प होगा रसूखदार डीपीओ के विरुद्ध कार्रवाई होती है या फिर हर बार कि तरह डीपीओ श्री राय अपने रसूख के प्रभाव के बल पर खुद को बचाते हुए सरकार की छवि धूमिल करने के अभियान को जारी रखते है।ऐसी चर्चा है कि जोमैटो के महिला कर्मचारी के साथ छेडख़ानी व यौन उत्पीड़न के मामले जिलाधिकारी द्वारा कराये गये जांच मे दोषी पाये गये डीपीओ शैलेन्द्र कुमार राय के विरुद्ध इस बार कार्रवाई तय मानी जा रही है। सबब यह है कि जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज ने जांच रिपोर्ट के साथ डीपीओ शैलेन्द्र कुमार राय के खिलाफ कार्रवाई करने की जो सहमति पत्र भेजा है उसे शासन ने गंभीरता से लिया है। अब देखना दिलचस्प होगा रसूखदार डीपीओ के विरुद्ध कार्रवाई होती है या फिर हर बार कि तरह डीपीओ श्री राय अपने रसूख के प्रभाव के बल पर खुद को बचाते हुए सरकार की छवि धूमिल करने के अभियान को जारी रखते है।
More Stories
Vivo का V50e जल्द होगा भारत में लॉन्च, 50 मेगापिक्सल का सेल्फी कैमरा
Vivo का V50e जल्द होगा भारत में लॉन्च, 50 मेगापिक्सल का सेल्फी कैमरा
इटालियन ब्रांड VLF भारत में 2 अप्रैल को लॉन्च कर रहा है नया इलेक्ट्रिक स्कूटर, शेयर किया टीजर