वैज्ञानिकों ने एक नई सेल्फ-हीलिंग (खुद को ठीक करने वाला) हाइड्रोजेल डेवलप किया है, जो खुद को चार घंटे में 90% तक रिपेयर कर सकता है और 24 घंटे में पूरी तरह से पहले जैसा हो जाता है। यह खोज आल्टो यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ बायरॉथ के शोधकर्ताओं ने की है। यह नया हाइड्रोजेल इंसानी त्वचा जैसा लचीला और मजबूत है, जिससे चोट की हीलिंग, आर्टिफिशियल स्किन और पुनर्जीवित चिकित्सा (Regenerative Medicine) में बड़े बदलाव आ सकते हैं।
वैज्ञानिकों ने एक नई सेल्फ-हीलिंग (खुद को ठीक करने वाला) हाइड्रोजेल डेवलप किया है, जो खुद को चार घंटे में 90% तक रिपेयर कर सकता है और 24 घंटे में पूरी तरह से पहले जैसा हो जाता है। यह खोज आल्टो यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ बायरॉथ के शोधकर्ताओं ने की है। यह नया हाइड्रोजेल इंसानी त्वचा जैसा लचीला और मजबूत है, जिससे चोट की हीलिंग, आर्टिफिशियल स्किन और पुनर्जीवित चिकित्सा (Regenerative Medicine) में बड़े बदलाव आ सकते हैं।
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