सोशल मीडिया और दिमागी सेहत का आपस में सीधा कनेक्शन है। औसत रूप से बच्चे और युवा सोशल मीडिया पर 3 घंटे से ज्यादा समय हर रोज बिता रहे हैं। इससे उनमें डिप्रेशन और एंजाइटी का रिस्क भी दोगुना हो रहा है। सोशल मीडिया के एल्गोरिदम कुछ ऐसे हैं कि इंसान को इसकी लत लग जाती है। लेकिन इनको कंट्रोल करने के लिए कोई नियम-कानून नहीं है।
सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल इन दिमागी बीमारियों को दे रहा न्यौता!
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