CAG ने एक स्टेटमेंट में बताया कि रिलायंस जियो के साथ मास्टर सर्विस एग्रीमेंट को लागू करने में BSNL नाकाम रही है। BSNL के शेयर्ड पैसिव इंफ्रास्ट्रक्चर पर इस्तेमाल होने वाली अतिरिक्त टेक्नोलॉजी के लिए रिलायंस जियो को लगभग 10 वर्षों तक बिल नहीं दिया गया। इससे केंद्र सरकार को 1,757.56 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।