March 26, 2025

Explainer: क्यों आता है आंखों से पानी? जानें Watery Eyes के कारण, लक्षण इसका इलाज क्या है?​

समय रहते इलाज के उचित तरीके से आंखों की जलन और असुविधा को कम किया जा सकता है और इस प्रॉब्लम का समाधान पाया जा सकता है. आइए जानते हैं आंखों में पानी आने की प्रॉब्लम के कारण और निवारण.

समय रहते इलाज के उचित तरीके से आंखों की जलन और असुविधा को कम किया जा सकता है और इस प्रॉब्लम का समाधान पाया जा सकता है. आइए जानते हैं आंखों में पानी आने की प्रॉब्लम के कारण और निवारण.

What Is Watery Eyes : आंखों से पानी आना एक आम प्रॉब्लम है, जो अलग-अलग कारणों से हो सकती है. यह छोटी प्रॉब्लम हो सकती है, लेकिन कभी-कभी ध्यान नहीं देने पर सीरियस हेल्थ प्रॉब्लम्स का संकेत भी हो सकता है. अगर आंखों में पानी आने की प्रॉब्लम लंबे समय तक बनी रहती है या दूसरे लक्षणों के साथ आती है, तो डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी होता है. समय रहते इलाज के उचित तरीके से आंखों की जलन और असुविधा को कम किया जा सकता है और इस प्रॉब्लम का समाधान पाया जा सकता है. आइए जानते हैं आंखों में पानी आने की प्रॉब्लम के कारण और निवारण.

आंखों से पानी आने के कारण, लक्षण और उपचार (Watery Eyes Reason, Symptoms and Treatment)

आंखों से पानी आने के प्रकार

1. अश्रुपात (Epiphora): यह बहुत ज्यादा टीयर प्रोडक्शन का रिजल्ट होता है, जो किसी एलर्जी, जलन या सूजन के कारण हो सकता है.

2. एलर्जिक नेत्रश्लेष्मलाशोथ (Allergic conjunctivitis): यह पराग, धूल या दूसरे एलर्जी कारणों से होता है, जिससे आंखों में खुजली, लालिमा और पानी आना शुरू हो जाता है.

3. ड्राई आई सिंड्रोम (Dry Eye Syndrome): यह स्थिति तब होती है जब आंखों में पर्याप्त आंसू नहीं बनते, जिससे आंखों में जलन होती है और आंखें अधिक पानी छोड़ने लगती हैं.

4. अवरुद्ध आंसू नलिकाएं (Blocked Tear Ducts): कभी-कभी टीयर डक्ट ब्लॉक्ड हो जाते हैं, जिससे आंसू ठीक से बह नहीं पाते और आंखों से पानी निकलता रहता है.

5. इंफेक्शन: बैक्टीरियल या वायरल इंफेक्शन जैसे कंजंक्टिवाइटिस (गुलाबी आंख) के कारण भी आंखों से पानी आ सकता है.

आंखों से पानी आने के लक्षण | Ankho se Pani Aane ke Lakshan

– आंखों में सूजन और लालिमा
– आंखों में जलन या दर्द
– आंखों से लगातार पानी बहना
– सूजन, खांसी या छींक आना
– आंखों में खुजली या फड़कन

आंखों से पानी आने के कारण | Aankho se Pani Ane ke Karan

आंखों में पानी आने के अलग-अलग कारण हो सकते हैं, जिनमें मौसम की परिस्थितियां, प्रदूषण, एलर्जी, या किसी भी प्रकार की शारीरिक स्थिति जैसे ड्राई आई सिंड्रोम शामिल हैं. इसके अलावा, पलक की सूजन, टीयर डक्ट्स का ब्लॉक्ड होना या आंखों पर स्क्रेच भी इस प्रॉब्लम का कारण बन सकते हैं.

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आंखों से पानी आने का निदान कैसे किया जाता है? | Aankho se Pani aane ka Ilaj

आंखों से पानी आने का निदान आमतौर पर डॉक्टर के जरिए किया जाता है. डॉक्टर इस प्रॉब्लम के कारण की पहचान करने के लिए आंखों की पूरी जांच करते हैं. कभी-कभी, डॉक्टर आंखों की ड्रेनेज सिस्टम के लिए स्पेशल चेकअप भी कर सकते हैं, ताकि यह देखा जा सके कि आंसू सही तरीके से बह रहे हैं या नहीं.

आंखों से पानी आने का इलाज

1. आई ड्रॉप्स (Eye Drops): अगर आंखों में सूजन या सूखी आंखों के कारण पानी आता है, तो डॉक्टर स्पेशल आई ड्रॉप्स की रिक्वेस्ट कर सकते हैं. ये आंखों को लुब्रीकेंट देने में मदद करते हैं और टीयर प्रोडक्शन को कंट्रोल करते हैं.

2. एलर्जी उपचार (Allergy Treatment): अगर एलर्जी के कारण आंखों में पानी आ रहा है, तो एंटीहिस्टामाइन या डिकॉन्गेस्टेंट जैसी दवाइयां दी जा सकती हैं. ये दवाइयां एलर्जी रिएक्शन को कंट्रोल करने में मदद करती हैं.

3. इंफेक्शन का इलाज: अगर आंखों में बैक्टीरियल या वायरल इंफेक्शन के कारण पानी आ रहा है, तो डॉक्टर एंटीबायोटिक्स या एंटीवायरल दवाएं दे सकते हैं.

4. सर्जिकल इलाज (Surgical Treatment): अगर टीयर डक्ट ब्लॉक हो गई हैं, तो सर्जिकल हस्तक्षेप की जरूरत हो सकती है. एक सामान्य प्रोसेस डेक्रियोसिस्टोरिनोस्टॉमी (DCR) है, जो टीयर डक्ट ब्लॉकेज को खोलने के लिए की जाती है.

आँखों में पानी आने का घरेलू उपचार | Ankho Se Pani Aane Ka Upchar

खारा पानी: सेलाइन सॉल्यूशन आंखों को साफ करने और इंफेक्शन से बचने में मदद करता है. यह नेचुरल तरीके से आंखों को धोता है और बैक्टीरिया को दूर करता है.

ठंडे टी बैग्स: ठंडे टी बैग्स को पलकों पर रखने से सूजन और जलन में राहत मिल सकती है.

गर्म सिकाई: गर्म सेक से आंखों में रुकावटों को दूर किया जा सकता है, जिससे सूखी आंखों या जलन से राहत मिलती है.

आंखों से पानी आने की रोकथाम

एलर्जी से बचाव: एलर्जी के कारण आंखों में जलन और पानी आ सकता है. इसलिए एलर्जी के कारणों से बचने का प्रयास करें.

सेफ्टी चश्मा पहनना: धूल, प्रदूषण या तेज़ रोशनी से बचने के लिए चश्मा पहनें.

आंखों का हाइजीन : अपनी आंखों को स्वच्छ रखें और उन्हें बार-बार न रगड़ें.

ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल: शुष्क वातावरण में ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करके हवा में नमी बनाए रखें, जिससे आंखों की सूखापन से बचाव हो सकता है.

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