इसके लिए कंपनी सॉलिड-स्टेट बैटरी का इस्तेमाल करेगी। मौजूदा EV में लिक्विड-स्टेट लिथियम आयन बैटरी लगाई जाती है। कुछ बैटरी मेकर्स भी सॉलिड-स्टेट बैटरी बनाने की कोशिश में हैं। इस प्रोजेक्ट के ट्रायल के लिए कंपनी लगभग 28 करोड़ डॉलर का इनवेस्टमेंट कर रही है। इसमें से आधा जापान सरकार की ओर से सब्सिडी के तौर पर दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में बैटरी का साइज लगभग 50 प्रतिशत घटाने का लक्ष्य है।
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