मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने बांबे हाईकोर्ट को बताया कि उनके पास रेमडेसिविर इंजेक्शन व ऑक्सीजन का भरपूर स्टाॅक है। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि केंद्र ने 30 अप्रैल तक के लिए महाराष्ट्र को 4 लाख 35 हजार इंजेक्शन अलाॅट किया था।
बांबे हाईकोर्ट राज्य सरकार के खिलाफ दो पीआईएल पर सुनवाई कर रहा
दरअसल, बांबे हाईकोर्ट (Bombay high court) में दो पीआईएल दाखिल है। याचिका में यह आरोप है कि कोविड महामारी के संकट में राज्य सरकार का प्रबंधन फेल रहा है।
रेमडेसिविर के लिए हमने नोडल अफसर नियुक्त किया
राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल आशुतोष कुंभकोनी ने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की मारामारी रोकने लिए हमने नोडल अफसर नियुक्त किए हैं। रेमडेसिविर इंजेक्शन अस्पतालों में है जोकि मरीजों को जरूरत के मुताबिक इस्तेमाल किया जा रहा है।
इसी तरह सरकार ने ऑक्सीजन की सप्लाई को व्यवस्थित करने के लिए जिला कलक्टर की देखरेख में आपूर्ति कराई जा रही है। बीएमसी के सीनियर काउंसिल अनिल सखरे ने बताया कि मुंबई में सरप्लस इंजेक्शन या ऑक्सीजन नहीं है लेकिन अगले कुछ दिनों के लिए अस्पतालों व नर्सिंग होम्स के लिए स्टाॅक है।
हाईकोर्ट के वकील को बहन के लिए नहीं मिल रहा रेमडेसिविर
अधिवक्ता अर्शिल शाह ने बताया कि हाईकोर्ट (Bombay high court) के एक अधिवक्ता अपनी बहन के लिए रेमडेसिविर के लिए परेशान हैं लेकिन नहीं मिल रहा है। इस पर कोर्ट ने कहा कि परेशान एडवोकेट की मदद करें। एडवोकेट जनरल ने कोर्ट के आदेश पर बताया कि सरकार के पास भरपूर मात्रा में इंजेक्शन का स्टाॅक है लेकिन वह सिर्फ चिकित्सक की पर्ची पर ही उपलब्ध हो सकेगा। हम वकील को इंजेक्शन उपलब्ध कराएंगे अगर वह प्रेसक्रिप्शन लाएंगे।
कोर्ट ने कोविड मैनेजमेंट व इंजेक्शन की उपलब्धता पर जवाब मांगा
कोर्ट ने पूरी सुनवाई के बाद 4 मई को राज्य सरकार व केंद्र सरकार से इंजेक्शन, ऑक्सीजन व अन्य मेडिकल सुविधाओं पर एक जवाब मांगा है।
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