LayerX Labs ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि शुरुआत में, यह फिशिंग अटैक समझौता की गई वेबसाइटों पर नकली सिक्योरिटी अलर्ट्स दिखाता था, जिसमें दावा किया जाता था कि यूजर का कंप्यूटर ‘कॉम्प्रोमाइज’ और ‘लॉक’ हो गया है। अटैकर्स यूजर्स को उनके Windows यूजनेम और पासवर्ड दर्ज करने के लिए कहते थे, जबकि गलत कोड वेबपेज को फ्रीज कर देता था, जिससे कंप्यूटर लॉक होने का भ्रम होता था। ये फिशिंग पेज Microsoft के Windows.net प्लेटफॉर्म पर होस्ट किए गए थे, जिससे ये वैध लगते थे और पारंपरिक सिक्योरिटी सॉल्यूशन से बच निकलते थे।
LayerX Labs ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि शुरुआत में, यह फिशिंग अटैक समझौता की गई वेबसाइटों पर नकली सिक्योरिटी अलर्ट्स दिखाता था, जिसमें दावा किया जाता था कि यूजर का कंप्यूटर 'कॉम्प्रोमाइज' और 'लॉक' हो गया है। अटैकर्स यूजर्स को उनके Windows यूजनेम और पासवर्ड दर्ज करने के लिए कहते थे, जबकि गलत कोड वेबपेज को फ्रीज कर देता था, जिससे कंप्यूटर लॉक होने का भ्रम होता था। ये फिशिंग पेज Microsoft के Windows.net प्लेटफॉर्म पर होस्ट किए गए थे, जिससे ये वैध लगते थे और पारंपरिक सिक्योरिटी सॉल्यूशन से बच निकलते थे।
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