“यह भेदभाव और छुआछूत का नया रूप है. लोग कहते हैं कि इसे खत्म कर दिया गया है, नहीं. यह सिर्फ जाति से बदलकर वर्ग हो गया है. इसका रूप बदल गया है, लेकिन यह अभी भी मौजूद है.” “यह भेदभाव और छुआछूत का नया रूप है. लोग कहते हैं कि इसे खत्म कर दिया गया है, नहीं. यह सिर्फ जाति से बदलकर वर्ग हो गया है. इसका रूप बदल गया है, लेकिन यह अभी भी मौजूद है.” NDTV India – Latest
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