पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) नामक विद्रोही संगठन ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया, जिसमें सैकड़ों यात्री सवार थे. अब तक की जानकारी के अनुसार इस घटना में कई लोग मारे भी गए हैं. ये ट्रेन क्वेटा से पेशावर जा रही थी. हमलावरों ने रेलवे ट्रैक को भी उड़ा दिया. उनका कहना है कि सेना ने अगर कोई ऑपरेशन शुरू किया तो बंधकों को मार दिया जाएगा. आइए जानते हैं कि कौन हैं बलूच विद्रोही जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है.
बलूच विद्रोही पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सक्रिय सशस्त्र समूह हैं, जो बलूच लोगों की स्वायत्तता या पूर्ण आजादी की मांग करते हैं. इनका सबसे प्रमुख संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) है.
ये संगठन 2000 के दशक से सरकार और सेना के खिलाफ लगातार संघर्ष कर रहा है. बलूचिस्तान प्राकृतिक संसाधनों जैसे गैस, तांबा और सोने से समृद्ध है, लेकिन बलूच लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार इनका शोषण करती है और उन्हें विकास से वंचित रखती है.
बलूचिस्तान में विद्रोह की शुरुआत 1947 में पाकिस्तान के गठन से शुरू हुई थी. जब बलूच नेताओं ने विलय का विरोध किया था. 1948 में इस हिस्से में व्यापक स्तर पर विद्रोह हुई थी.
बलूचिस्तान, जो पाकिस्तान का सबसे बड़ा लेकिन सबसे कम आबादी वाला प्रांत है, प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है, मगर यहां की जनता गरीबी और उपेक्षा की शिकायत करती रही है.
जाफर एक्सप्रेस क्वेटा से पेशावर जा रही थी. बलूच लिबरेशन आर्मी ने कहा है कि सेना ने अगर कोई ऑपरेशन शुरू किया तो बंधकों को मार दिया जाएगा.
बलूचिस्तान मे 1970 के दशक में बड़े पैमाने पर विद्रोह हुआ, जिसे पाकिस्तानी सेना ने कुचल दिया. 2000 के दशक में प्राकृतिक गैस और खनिजों की खोज के बाद विद्रोह फिर से भड़क उठा.
बलूच विद्रोहियों की तरफ से चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) का भी जमकर विरोध होता रहा है.
बलूचिस्तान आंदोलनकारियों की मांगें समय के साथ बदलती रही हैं. आंदोलनकारियों की प्रमुख मांग बलूचिस्तान के लिए अधिक स्वायत्तता या पूर्ण स्वतंत्रता है.
बलूच आंदोलनकारी चाहते हैं कि इन संसाधनों से होने वाले लाभ का अधिकांश हिस्सा बलूच लोगों तक पहुंचे और उनके विकास में लगाया जाए. जबकि पाकिस्तान की राजनीति पर नियंत्रण रखने वाले राज्य के नेता इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक तौर पर मानते हैं लेकिन इसे जमीन पर उतरने नहीं देते हैं.
बलूचिस्तान में खनिज संपदा और प्राकृतिक गैस जैसे समृद्ध संसाधन हैं. पाकिस्तान इन संसाधनों का दोहन करके अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करना चाहता है. पाकिस्तान बलूचिस्तान को पाकिस्तान का एक अभिन्न अंग मानता रहा है. वो किसी भी तरह के बाहरी हस्तक्षेप को इस क्षेत्र में रोकना चाहता है.
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