गाज़ा से लौटे इजरायली सैनिक ने क्यों छोड़ा मीट खाना, कहा – देखकर…​

 इजरायली सैनिकों को राहत दिखाई नहीं दे रही है क्योंकि हमास अभी भी हार नहीं मान रहा है. युद्ध का दायरा बढ़ रहा है ऐसे में सैनिकों के भीतर तनाव बढ़ा हुआ है. इजरायली सेना ऐसे सैनिकों को वापस कैंप में भेजकर ट्रीटमेंट करवाने दावा कर रही है. वहीं, परेशान सैनिकों के घर वालों का कहना है कि सेना की ओर से पूरी मदद नहीं हो रही है.

Israel Hamas War: इजरायल और हमास में युद्ध जारी है. गाज़ा (Gaza) में इजरायल का हमला हो रहा है और गाज़ा लगभग बरबादी के कगार पर पहुंच गया है. इजरायल के हमले बंद नहीं हो रहे हैं और इजरायल के सैनिकों को ऐसे तमाम तरह की दिक्कतें हो रही हैं. कई प्रकार के मानसिक रोगों से इजरायल के सैनिक परेशान हो रहे हैं. कुछ सैनिकों के आत्महत्या करने की बातें भी निकलकर सामने आई हैं. इजरायल ने इस संबंध में अभी तक कोई बयान नहीं दिया है. लेकिन यह तो तय है कि किसी भी युद्ध में लड़ने वाले सैनिकों का मानसिक स्तर बनाए रखना सेना और सरकार की चुनौती होता है.

मानसिक बीमारी से परेशान इजरायली सैनिक 

इजरायली सैनिकों को राहत दिखाई नहीं दे रही है क्योंकि हमास अभी भी हार नहीं मान रहा है. युद्ध का दायरा बढ़ रहा है ऐसे में सैनिकों के भीतर तनाव बढ़ा हुआ है. इजरायली सेना ऐसे सैनिकों को वापस कैंप में भेजकर ट्रीटमेंट करवाने दावा कर रही है. वहीं, परेशान सैनिकों के घर वालों का कहना है कि सेना की ओर से पूरी मदद नहीं हो रही है.

Photo Credit: AFP

साल के आरंभ में जनवरी में एक रिपोर्ट आई थी जिसमें बताया गया था कि इजरायली सेना के 1600 जवानों में पीटीएसडी (Post-traumatic stress disorder) की बीमारी है. इनमें से 76 प्रतिशत सैनिक मेंटल हेल्थ ट्रीटमैंट के बाद ड्यूटी पर चले गए थे. इससे साफ है कि युद्ध में लगातार लड़ाई से सैनिकों के मनोबल के साथ-साथ मानसिक स्तर पर भी दिक्कतें होने लगती हैं.

कई सैनिकों को नींद न आने की बीमारी हो गई है. कई सैनिक अकेलेपन में रह रहे हैं भले ही वे वापस  परिवार के पास पहुंचे हों. 

नींद न आने की बीमारी से परेशान सैनिक

हाल ही यु्द्ध से लौटे एक सैनिक ने आत्महत्या कर ली. इस सैनिक के साथी ने अपनी परेशानियों को साझा किया. इस सैनिक का नाम जाकेन है. इसने बताया कि इनको आदेश दिया गया था कि आतंकियों पर बुल्डोजर चढ़ा दी जाए. चाहे वे जिंदा हों या मर गए हों. उसका कहना था कि आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशान में सेना अपनी कार्रवाई करती है. विरोध में आतंकियों की ओर से हमला किया जाता है और सेना उन्हें काबू में करने का काम करती है. ऐसे में आगे बढ़ने के आदेश होते हैं. जाकेन एक बख्तरबंद गाड़ी का ड्राइवर था. उसे ऐसे मौकों पर हमास के लड़ाकों पर गाड़ी  चढ़ानी पड़ी. कई लड़ाकों को कुचलना पड़ा. 

सैनिक का दर्द

जाकेन का कहना था कि युद्ध में उसने इतना खून और मांस देखा उसका मन खराब हो गया है. ऐसी घटनाओं के बाद उसने मीट खाना छोड़ दिया है. उसने कहा कि जब आप इतना मीट और खून सड़क पर  अपनी आंखों से देखते हैं तब आपके दिमाग पर सीधा असर पड़ता है. आप सोचने को मजबूर हो जाते हैं. 

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