January 18, 2025
चीन हांगकांग से कनेक्शन! 1858 करोड़ रुपये के क्रिप्टो लेनदेन केस में जसप्रीत सिंह बग्गा गिरफ्तार

चीन-हांगकांग से कनेक्शन! 1858 करोड़ रुपये के क्रिप्टो लेनदेन केस में जसप्रीत सिंह बग्गा गिरफ्तार​

जसप्रीत सिंह बग्गा ने मनीदीप मागो और संजय सेठी के लिए लगभग 250 करोड़ रुपये की नकद रकम को संभाला. ये रकम नकद इकठ्ठा करने के बाद उनके कीर्ति नगर स्थित घर में जमा होती थी, जिसे बाद में हवाला चैनलों के माध्यम से विदेश भेजा जाता था.

जसप्रीत सिंह बग्गा ने मनीदीप मागो और संजय सेठी के लिए लगभग 250 करोड़ रुपये की नकद रकम को संभाला. ये रकम नकद इकठ्ठा करने के बाद उनके कीर्ति नगर स्थित घर में जमा होती थी, जिसे बाद में हवाला चैनलों के माध्यम से विदेश भेजा जाता था.

प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग केस के तहत बिरफा आईटी मामले में जसप्रीत सिंह बग्गा को गिरफ्तार किया है. इससे पहले इस मामले में मनीदीप मागो, संजय सेठी, मयंक डांग और तुषार डांग को भी गिरफ्तार किया जा चुका है. जसप्रीत सिंह बग्गा को विशेष अदालत (PMLA), द्वारका में पेश किया गया, जहां से उन्हें 1 दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया गया है.

क्रिप्टो के जरिए हवाला ‘खेल’!
ईडी ने बिरफा आईटी के वित्तीय लेनदेन की जांच करते हुए पाया कि इस कंपनी ने एक भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज से 1858 करोड़ रुपये के क्रिप्टो एसेट्स बेचे. लेकिन भारत में कोई क्रिप्टो खरीदी नहीं की. जांच में यह खुलासा हुआ कि यह लेनदेन अंतरराष्ट्रीय हवाला चैनल का हिस्सा था. इस मामले में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के तहत छापेमारी की गई, जिसमें मनीदीप मागो द्वारा नकली और जाली दस्तावेजों के जरिए अवैध विदेशी भुगतान करने के सबूत मिले.

फर्जी चालानों के जरिए 4817 करोड़ रुपये का घोटाला
ED की जांच में पता चला कि इस गिरोह ने चीन और हांगकांग से कम मूल्य के आयात (अंडर इन्वॉइसिंग) के बदले 4817 करोड़ रुपये की विदेशी भुगतान की. ये भुगतान जाली चालानों के आधार पर किए गए जसप्रीत सिंह बग्गा, जो ऑप्टिकल व्यवसाय से जुड़े हैं. संजय सेठी और मयंक डांग के करीबी सहयोगी हैं. उनका ऑप्टिकल शोरूम कैश इकठ्ठा करने का मुख्य केंद्र था, जहां से आयातकों से अवैध नकद जमा किया जाता था.

250 करोड़ रुपये का नकद लेनदेन
जसप्रीत सिंह बग्गा ने मनीदीप मागो और संजय सेठी के लिए लगभग 250 करोड़ रुपये की नकद रकम को संभाला. ये रकम नकद इकठ्ठा करने के बाद उनके कीर्ति नगर स्थित घर में जमा होती थी, जिसे बाद में हवाला चैनलों के माध्यम से विदेश भेजा जाता था. इस पैसे को कई बैंक खातों में डाला गया और आखिर में जाली चालानों के जरिए चीनी निर्यातकों को भेजा गया. इस मामले में ईडी की जांच जारी है, और हवाला लेनदेन से जुड़े अन्य संदिग्धों की तलाश भी की जा रही है.

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