अखिलेश यादव अपने घर से लगभग 3 किलोमीटर दूर JPNIC में जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यापर्ण करने जाना चाहते हैं, लेकिन उनके घर बाहर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी है. प्रशासन की ओर से अखिलेश को JPNIC जाने की इजाजत नहीं दी गई है.
उत्तर प्रदेश में इस समय जयप्रकाश नारायण पर सियासत हो रही है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के घर के बाहर बैरिकेडिंग लगा कर रास्ता सील कर दिया गया है. पुलिस का भी भारी इंतजाम है, लेकिन दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता भी यहां जुट गए हैं, जो बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. बवाल के बीच अखिलेश यादव अपने घर के बाहर जयप्रकाश नारायण की मूर्ति लाकर यहीं सड़क पर माल्यार्पण किया है. घर से बाहर आकर सपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि क्या कारण है कि सरकार हमें माल्यार्पण नहीं करने दे रही है. यह न्याय नहीं है. बीजेपी ने हर अच्छा काम रोका है. जेपी सेंटर में उनकी मूर्ति को इसलिए ढका गया है, क्योंकि उसे बेचने की साजिश चल रही है. देश के जननायक भारत रत्न को बेचा जा रहा है. ऐसे लोग लोकतंत्र की रक्षा क्या करेंगे.
सीएम योगी पर भड़के अखिलेश यादव
अखिलेश ने कहा कि बीजेपी सरकार ने पहले भी हमें रोकने की कोशिश की थी. पुलिस को ललकारते हुए कहा कि त्योहार का दिन नहीं होता तो समाजवादियों को रोकना संभव नहीं था. 11 अक्टूबर यानि आज समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण की जयंती है. समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव बृहस्पतिवार रात गोमती नगर में जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपीएनआईसी) पहुंचे और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार पर आरोप लगाया कि उसने प्रवेश रोकने के लिए मुख्य द्वार को टिन की चादरों से ढक दिया है. जयप्रकाश नारायण का जन्म 11 अक्टूबर 1902 को बिहार में सारण जिले के सिताब दियारा गांव में हुआ था. वर्ष 1979 में उनका निधन हो गया.
बीजेपी का अखिलेश पर तंज
अखिलेश यादव पर बीजेपी प्रवक्ता आलोक अवस्थी ने कहा, ‘अखिलेश जी आप जिन महापुरुषों की बात करते हैं, उनका हम भी सम्मान करते हैं, पर क्या आप उनके आचरण का रत्ती भर भी पालन करते हैं?’
सिर्फ 3 किलोमीटर की दूरी… और इतना बवाल
अखिलेख यादव के घर के बाहर भारी संख्या में सुरक्षाबलों का इंतजाम है. सैकड़ों समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता भी अखिलेख यादव के घर के बाहर इकट्ठा हो गए हैं. अखिलेश यादव आज JPNIC जाकर माल्यापर्ण करना चाहते हैं. JPNIC से अखिलेख यादव के घर की दूरी लगभग 3 किलोमीटर है. लेकिन ये तीन किलोमीटर की राह बवाल का बड़ा संग्राम स्थल बल गया है. एक ओर पुलिस है और दूसरी ओर सपा कार्यकर्ता हैं.
राम गोपाल यादव बोले- यह सभी स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान
लखनऊ में जय प्रकाश नारायण सेंटर को सील करने, पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के दौरे से पहले पुलिस तैनात करने पर समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव का कहना है, “पिछले साल भी उन्होंने अखिलेश को रोका था. उस समय, उन्हें माल्यार्पण के लिए गेट के पार जाना पड़ा था. आज तक किसी को समझ नहीं आया कि जय प्रकाश नारायण जी की प्रतिमा पर किसी के द्वारा माला पहनाने से बीजेपी को क्या परेशानी है. इस बार उन्होंने हमारे मुखिया के घर का घेराव किया है और कन्वेंशन सेंटर में प्रवेश बंद कर दिया है. जय प्रकाश नारायण की प्रतिमा पर किसी को माल्यार्पण न करने देना उत्तर प्रदेश सरकार का घटिया और बेशर्म कृत्य है. यह सभी स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है…’
देर रात JPNIC पहुंचे थे अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कार्यक्रम की जानकारी पहले ही प्रशासन भेज दी थी, लेकिन लखनऊ डेवलेपमेंट अथॉरिटी (LDA) और पुलिस कमिश्नर ने अखिलेश यादव को JPNIC जाने की इजाज़त नहीं दी है. पिछले साल सपा प्रमुख अखिलेश यादव को जेपीएनआईसी के द्वार पर चढ़कर परिसर में स्थित जय प्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण करना पड़ा था. अखिलेश यादव ने 10 अक्टूबर की रात जेपी सेंटर के बाहर मीडिया से कहा, ‘यह जेपीएनआईसी, समाजवादियों का संग्रहालय है, यहां जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा है और इसके अंदर ऐसी चीजें हैं जिनसे हम समाजवाद को समझ सकते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘ये टिन की चादरें लगाकर सरकार क्या छिपा रही है? क्या ऐसी संभावना है कि वे इसे बेचने की तैयारी कर रहे हैं या किसी को देना चाहते हैं?’
योगी सरकार पर भड़के अखिलेश यादव
ऑनलाइन साझा किए गए एक वीडियो के अनुसार, यादव ने इमारत में पहुंचने पर एक चित्रकार से टिन की चादरों पर ‘समाजवादी पार्टी जिंदाबाद’ लिखने को कहा. यह पूछे जाने पर कि क्या वह जयप्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि देने के लिए कल केंद्र आएंगे, यादव ने कहा, ‘हम कल कार्यक्रम तय करेंगे. वे इसे कब तक टिन की चादरों के पीछे रखेंगे.’ इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘यह है भाजपा राज में आजादी का दिखावटी अमृतकाल, श्रद्धांजलि न दे पाए जनता इसलिए उठा दी गयी दीवार.’ उन्होंने कहा, ‘भाजपा ने जो रास्ता बंद किया है, वह उनकी बंद सोच का प्रतीक है.’
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