India Mobile Congress 2024: इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जवानों को उनकी सेवा के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने प्रदर्शनी के दौरान एरिक्सन के 5जी-संचालित रोबोटिक डॉग ‘रॉकी’ से भी बातचीत की.
केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया(Jyotiraditya Scindia) ने मंगलवार को इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने टेलीकॉम कंपनी एयरटेल के सेटेलाइट कम्युनिकेशन के माध्यम से आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात सैनिकों के साथ बातचीत की. इस प्रदर्शनी में एयरटेल द्वारा सेटेलाइट कम्युनिकेशन के माध्यम से नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, और हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों से जवानों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जोड़ा गया था. इसमें करीब 14,000-18,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित जवानों ने केंद्रीय मंत्री से बात की.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जवानों को उनकी सेवा के लिए “दिल से धन्यवाद” दिया. इसके अलावा उन्होंने ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024’ में प्रदर्शनी के दौरान एरिक्सन के 5जी-संचालित रोबोटिक डॉग ‘रॉकी’ से भी बातचीत की. यह रोबोटिक डॉग अधिकारियों को आग लगने जैसी आपातकालीन स्थितियों से निपटने में मदद कर सकता है. यह कठिन इलाकों में नेविगेट करने, सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आग जैसे खतरों का पता लगाने में सक्षम है.
भारत मोबाइल कांग्रेस के आठवें संस्करण का उद्घाटन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के भारत मंडपम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. इस दौरान पीएम मोदी ने प्रदर्शनी क्षेत्र का भी भ्रमण किया. इसके साथ ही भारत मंडपम में ब्ल्यूटीएसए 2024 का भी आयोजन हो रहा है जिसमें देशों को 6जी, एआई, आईओटी, बिग डेटा, साइबर सुरक्षा आदि जैसी अगली पीढ़ी की महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के मानकों के भविष्य पर चर्चा करने और निर्णय लेने के लिए एक मंच प्रदान किया जा रहा है.
इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 में कई लेटेस्ट इनोवेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और 6जी डेवलपमेंट के अपडेट आदि की जानकारी मिलेगी. डब्ल्यूटीएसए दुनिया भर के दूरसंचार मानकों को तय करने वाली एक महत्वपूर्ण बैठक है. यह अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) के मुख्य सम्मेलनों में से एक है, जिसे हर चार साल में आयोजित किया जाता है. एशिया-प्रशांत क्षेत्र में पहली बार इसका आयोजन किया जा रहा है. यह एक महत्वपूर्ण वैश्विक कार्यक्रम है, जिसमें 190 से अधिक देशों के तीन हजार से अधिक उद्यमी, नीति-निर्माताओं और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं.
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