ट्रंप की लगातार बदलती व्यापार नीतियों से बाजार में हलचल तेज हो गई है और आर्थिक डेटा भी मंदी के संकेत दे रहा है. अब सभी की नजर बुधवार के अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) रिपोर्ट पर है, जो महंगाई के रुझानों का पता लगाने में मदद करेगी.
डोनाल्ड ट्रंप की लगातार बदलती व्यापार नीतियों और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका के बीच बुधवार को एशियाई शेयर बाजारों में ज्यादातर गिरावट देखी गई. निवेशकों को चिंता है कि ट्रंप द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ अमेरिका को मंदी की ओर धकेल सकते हैं. मंगलवार को अमेरिकी बाजारों में भारी गिरावट के बाद बुधवार को एशियाई बाजारों में भी निवेशकों की धारणा कमजोर रही.
टोक्यो, सियोल, जकार्ता और ताइपेई में मामूली बढ़त रही, जबकि हांगकांग, शंघाई, सिंगापुर, वेलिंगटन और मनीला में गिरावट दर्ज की गई. सिडनी का बाजार 1% से अधिक गिरा, क्योंकि निवेशकों को चिंता है कि ट्रंप के नए टैरिफ ऑस्ट्रेलियाई अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं.
वैश्विक बाजार में दबाव के बावजूद भारतीय बाजार में तेजी
भारतीय स्टॉक मार्केट ने बुधवार की शुरुआत बढ़त के साथ की, जबकि अमेरिका, एशिया और यूरोप समेत वैश्विक बाजार दबाव में थे. शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 236.57 अंक, (0.32% ) की तेज बढ़त बनाते हुए 74,338.89 अंक पर पहुंचा. निफ्टी भी 66.45 अंक (0.30%) की तेजी के साथ 22,564.35 अंक पर कारोबार कर रहा था.
ट्रंप टैरिफ से वैश्विक बाजारों में काफी उतार-चढ़ाव
इस महीने वैश्विक बाजारों में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया है, क्योंकि ट्रंप लगातार व्यापारिक भागीदारों पर दबाव बढ़ा रहे हैं. अमेरिका में सभी एल्यूमिनियम और स्टील आयात पर 25% का शुल्क लगाने का फैसला बुधवार (12:00 AM वाशिंगटन समय) से लागू हो रहा है, जिससे ब्राजील, दक्षिण कोरिया और यूरोपीय संघ सहित कई देश प्रभावित होंगे.
ट्रंप ने कनाडा पर शुल्क दोगुना करने की धमकी को लिया वापस
मंगलवार को ट्रंप ने कनाडा पर शुल्क दोगुना करने की धमकी दी, लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया जब ओंटारियो ने अमेरिकी राज्यों पर लगाया गया बिजली अधिभार हटा दिया. ट्रंप की इस तरह की अनिश्चित व्यापार नीति ने बाजारों में अस्थिरता बढ़ा दी है. वॉल स्ट्रीट का VIX “फियर इंडेक्स” अगस्त के बाद अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ रही है.
ट्रंप ने आर्थिक मंदी की आशंका को किया खारिज
मंगलवार को व्हाइट हाउस में ट्रंप ने आर्थिक मंदी की संभावनाओं को खारिज करते हुए कहा, “मैं इसे बिल्कुल नहीं देखता. मुझे लगता है कि यह देश तेजी से उभरेगा. बाजार ऊपर-नीचे होते रहेंगे, लेकिन हमें अपने देश का पुनर्निर्माण करना होगा.”
हालांकि, HSBC की विश्लेषक निकोल इनुई ने कहा कि “टैरिफ को लेकर बार-बार आ रहे बयानों से उपभोक्ता और कारोबारी विश्वास प्रभावित हुआ है, नीति की अनिश्चितता रिकॉर्ड स्तर पर है, उपभोक्ता विश्वास में तेज गिरावट आई है, और छोटे व्यवसायों का उत्साह कमजोर हुआ है.”
ट्रंप की नई टैरिफ योजना का असर
बता दें कि ट्रंप ने कनाडाई स्टील और एल्यूमिनियम आयात पर 50% टैरिफ लगाने की योजना की घोषणा की, जिससे चिंता बढ़ गई कि इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी आ सकती है. सोमवार को S&P 500 ने दिसंबर 18 के बाद अपना सबसे बड़ा एक दिवसीय नुकसान झेला, जिससे 1.3 ट्रिलियन डॉलर की वैल्यू गायब हो गई और कुल नुकसान 4 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँच गया. टेक-हैवी Nasdaq ने भी पिछले सप्ताह भारी गिरावट देखी.
रूस-यूक्रेन युद्ध विराम की संभावनाओं से राहत की उम्मीद
हालांकि, रूस-यूक्रेन युद्ध विराम की संभावनाओं की खबरों से थोड़ी रिकवरी देखने को मिली. यूक्रेन को सैन्य सहायता और खुफिया जानकारी साझा करने की घोषणा से निवेशकों को थोड़ी राहत मिली. कीव ने 30 दिनों के युद्ध विराम की संभावना जताई. इसके बावजूद, S&P 500 42.77 अंक (0.76%) नीचे बंद हुआ, Nasdaq 33.86 अंक (0.19%) गिरा, और Dow Jones 483.98 अंक (1.16%) कम हुआ.
ट्रंप की लगातार बदलती व्यापार नीतियों से बाजार में हलचल तेज हो गई है और आर्थिक डेटा भी मंदी के संकेत दे रहा है. अब सभी की नजर बुधवार के अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) रिपोर्ट पर है, जो महंगाई के रुझानों का पता लगाने में मदद करेगी.
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