अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रोंं ने वॉशिंगटन में मुलाकात की है. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा भी हुई.
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं. मंगलवार को मैंक्रों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी हुई है. इस बातचीत के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध से लेकर अन्य तमाम अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. इस बातचीत के बाद दोनों नेताओं ने साझा बयान भी जारी किया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन से युद्ध विराम समझौता ‘रूस के हित में है’ और उन्हें लगता है राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ऐसा करना चाहते हैं. फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि युद्ध समाप्त करने के लिए किसी भी बातचीत के समझौते में सुरक्षा गारंटी का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. दोनों नेताओं ने 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की तीसरी वर्षगांठ के मौके पर व्हाइट हाउस में मुलाकात की. इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस को हमलावर के रूप में निंदा करने वाले प्रस्ताव पर अमेरिका ने अपने यूरोपीय सहयोगियों से अलग रुख अपनाया.
पुतिन पर ट्रंप को कितना भरोसा
राष्ट्रपति ट्रंप से जब पुतिन पर भरोसा करने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “समझौता करना रूस के हित में है और मुझे लगता है कि हम ऐसा करेंगे. दोनों पक्षों में जबरदस्त अविश्वास है.” उन्होंने आगे कहा कि अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में उन्होंने सबसे पहला फोन राष्ट्रपति पुतिन को किया था क्योंकि उन्हें लगता है पुतिन समझौता करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा, “यह रूस के लिए फायदेमंद है कि वह एक समझौता करे और पुतिन रूस का नेतृत्व सकारात्मक रूप से जारी रखें.”
यूक्रेन के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करने के इच्छुक
ट्रंप ने यह भी कहा कि वे यूक्रेन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के इच्छुक हैं, जिसमें अमेरिका को यूक्रेन से दुर्लभ खनिजों पर अधिकार मिलेगा, जबकि बदले में यूक्रेन को अपनी सुरक्षा के लिए अरबों डॉलर की सहायता दी जाएगी. राष्ट्रपति मैक्रों ने यूरोपीय सहयोगियों के साथ कई दौर की बैठकें करने के बाद वाशिंगटन में ट्रंप से मुलाकात की. उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि शांति लाना बहुत महत्वपूर्ण है.” मैक्रों ने अपनी बात अंग्रेजी में रखी जो उनकी फर्स्ट लैंग्वेज नहीं है.
शांति समझौते में सुरक्षा गारंटी जरूरी
उन्होंने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि किसी भी शांति समझौते में सुरक्षा गारंटी होनी चाहिए, जिसे जांचा और सत्यापित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि, कुछ ऐसा हासिल करने की कोशिश करें, जिसका मूल्यांकन, जांच और सत्यापन किया जा सके और यह सुनिश्चित करें कि हम अल्पावधि में पर्याप्त गारंटी दे सकें.” उन्होंने आगे कहा, “मेरे कई यूरोपीय सहयोगी इसमें शामिल होने के लिए तैयार हैं, लेकिन हमें अमेरिकी समर्थन की जरूरत है, क्योंकि यह सुरक्षा गारंटी की विश्वसनीयता का हिस्सा है और यह हमारी सामूहिक निवारक क्षमता का भी हिस्सा है.”
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