दिल्ली के द्वारका में बना दुनिया का सबसे ऊंचा रावण का पुतला, लागत जानकर उड़ जाएंगे होश​

 दिल्ली के द्वारका इलाके में दुनिया का सबसे ऊंचा रावण का पुतला तैयार किया गया है. आपको जानकर हैरानी होगी कि, रावण के इस पुतले की ऊंचाई 211 फीट है.

Dussehra 2024: दशहरे वाले दिन रावण दहन की परंपरा सालों पुरानी है. दशहरा के दिन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के बड़े-बड़े पुतले मेले का खास आकर्षण होते हैं. ऐसे में जलाए जाने वाले रावण के पुतलों के साथ तमाम तरह के एक्सपेरिमेंट होते रहते हैं. ऐसे में दिल्ली के द्वारका इलाके में दुनिया का सबसे ऊंचा रावण का पुतला तैयार किया गया है. आपको जानकर हैरानी होगी कि, रावण के इस पुतले की ऊंचाई 211 फीट है. बताया जा रहा है कि, रावण के इस पुतले को तैयार करने में लाखों रुपये खर्च हो चुके हैं. यही वजह है कि ऐसे में यह रावण दिल्ली वालों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. 

दुनिया का सबसे ऊंचा रावण

दिल्ली के द्वारका इलाके में इस साल दशहरा का त्योहार कुछ खास बन गया है. कहा जा रहा है कि, यहां दुनिया का सबसे ऊंचा रावण का पुतला तैयार किया गया है, जिसकी ऊंचाई 211 फीट है. इस अद्भुत पुतले को देखने के लिए लोगों में उत्साह बढ़ता ही जा रहा है और यह एक प्रमुख आकर्षण बन गया है. रावण का पुतला द्वारका इलाके के सेक्टर-10 में श्री राम लीला सोसाइटी द्वारा बनवाया गया है, जो ये दावा कर रहे हैं कि यह भारत का सबसे ऊंचा रावण का पुतला है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, समिति ने कहा कि, कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करने के लिए, उन्होंने दिल्ली एनसीआर से 400 से अधिक कलाकारों के लिए ऑडिशन आयोजित किया गया था, जिसमें नई प्रतिभाओं का चयन किया गया. सोसायटी ने यह भी बताया कि इस ढांचे को तैयार करने और स्थापित करने में 4 महीने का समय लगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी किया गया है आमंत्रित

बताया जा रहा है कि, इस रावण के पुतले को बनाने के लिए 40 कारीगरों ने दिन रात काम किया है, जिसे बनाने में लाखों रुपयों का खर्चा भी हुआ है. उन्होंने बताया कि आजकल लोग रोज यहां पर रावण के पुतले की फोटो और वीडियो बनाने आते हैं, जो कि सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल हो रही है. बता दें कि, 12 अक्‍टूबर 2024 को दशहरे के दिन इस रावण को जलाया जाएगा. बताया जा रहा है कि, इसके लिए सोसाइटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रित किया है, लेकिन सोसाइटी ने यह भी कहा की अभी तक इस बात की कोई भी पुष्टि नहीं हो पाई है कि प्रधानमंत्री यहां पहुंचेंगे कि नहीं. उनका कहना था कि पिछली बार भी प्रधानमंत्री यहां पर आए थे और उन्हें उम्मीद है कि इस बार भी प्रधानमंत्री यहां पर आकर उन्हें अपना आशीर्वाद जरूर देंगे.

कारीगरों की मेहनत रंग लाई

यह पुतला ना केवल अपनी ऊंचाई के लिए चर्चित है, बल्कि इसकी शिल्पकला भी लोगों को आकर्षित कर रही है. पुतले को बनाने में कई कारीगरों ने मेहनत की है, जिन्होंने इसे जीवंत रूप देने के लिए अपनी कलात्मकता का प्रदर्शन किया है. दर्शकों के लिए यह पुतला ना केवल एक देखने की वस्तु है, बल्कि यह रावण के प्रतीकात्मक अर्थ को भी दर्शाता है. रावण का दहन हर साल बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होता है. इस बार, रावण के इस विशाल पुतले के साथ, आयोजकों ने लोगों को एक संदेश देने की कोशिश की है कि बुराई चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो, अच्छाई हमेशा विजयी होती है.

अद्भुत रावण पर टिकी लोगों की निगाहें

स्थानीय निवासियों और दर्शकों ने इस पहल का स्वागत किया है और कहा है कि इस तरह के आयोजनों से ना केवल सांस्कृतिक समृद्धि बढ़ती है, बल्कि यह नई पीढ़ी को भारतीय पौराणिक कथाओं से जोड़ने में भी मदद करता है. द्वारका का यह रावण का पुतला अब केवल एक त्योहार का हिस्सा नहीं रहा, बल्कि यह दिल्ली का एक नया प्रतीक बन चुका है. इस साल दशहरा समारोह में शामिल होने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे हैं और सभी की निगाहें इस अद्भुत रावण पर टिकी हुई हैं.

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