संभावना है कि 1 अप्रैल से दिल्ली में इस योजना की शुरुआत होगी, जिसमें 200 नई इलेक्ट्रिक बसें शामिल की जाएंगी. इन बसों का उद्देश्य अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी प्रदान करना, सड़क जाम को कम करना और संकरी सड़कों वाले क्षेत्रों में पहुंच को आसान बनाना है.
दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता में वापसी के बाद बीजेपी की तरफ से एक के बाद एक फैसले लिए जा रहे हैं. इस बीच चर्चा है कि भाजपा सरकार ने ‘मोहल्ला बस सेवा’ का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा है. सूत्रों के अनुसार, इस सेवा का नया नाम ‘नमो बस’ हो सकता है. अंतिम निर्णय भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा. 1अप्रैल से दिल्ली में इस योजना की शुरुआत होगी, जिसमें 200 नई इलेक्ट्रिक बसें शामिल की जाएंगी. इन बसों का उद्देश्य अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी प्रदान करना, सड़क जाम को कम करना और संकरी सड़कों वाले क्षेत्रों में पहुंच को आसान बनाना है. यह योजना सार्वजनिक परिवहन में भीड़भाड़ को रोकने में भी मददगार साबित होगी.
दिलचस्प बात यह है कि ‘मोहल्ला बस सेवा’ को सबसे पहले 2024 में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने शुरू किया था. उस समय इसका मकसद भी अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी और संकरे रास्तों वाले इलाकों में परिवहन सुविधा बढ़ाना था. हालांकि संभावना है कि बीजेपी सरकार आने वाले समय में इसमें कुछ बदलाव के साथ इसे जमीन पर ला सकती है
यह प्रस्ताव ‘मोहल्ला क्लीनिक’ के नाम को बदलकर ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ करने की योजना के बाद आया है. इसके अलावा, दिल्ली भाजपा के विधायकों ने नजफगढ़, मोहम्मदपुर और मुस्तफाबाद जैसे क्षेत्रों के नाम बदलने का भी सुझाव दिया है. इन बदलावों को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है.
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