प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दिल्ली में वीर सावरकर के नाम पर एक कॉलेज की नींव रखेंगे. दिल्ली विश्वविद्यालय का सावरकर कॉलेज रोशनपुरा, नजफगढ़ में बनेगा. इस संस्थान को 2021 में दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद द्वारा अनुमोदित किया गया था. कॉलेज का नामकरण वीर सावरकर के नाम पर किए जाने पर विवाद शुरू हो गया है. कांग्रेस ने सावरकर के नाम पर कॉलेज का विरोध किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दिल्ली में वीर सावरकर के नाम पर एक कॉलेज की नींव रखेंगे. दिल्ली विश्वविद्यालय का सावरकर कॉलेज रोशनपुरा, नजफगढ़ में बनेगा. इस संस्थान को 2021 में दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद द्वारा अनुमोदित किया गया था. कॉलेज का नामकरण वीर सावरकर के नाम पर किए जाने पर विवाद शुरू हो गया है. कांग्रेस ने सावरकर के नाम पर कॉलेज का विरोध किया है.
कांग्रेस ने कहा है कि, भाजपा फीता काटने की राजनीति बहुत करती है. महत्वपूर्ण यह नहीं है कि वो इंस्टीट्यूट किसके नाम पर बना रहे हैं. पिछले 11 साल में उन्होंने सावरकर के नाम पर कोई योजना नहीं शुरू की. सावरकर का अंग्रेजों के साथ क्या रिश्ता था, इसको पूरा देश जानता है. वो एक नहीं 50 यूनिवर्सिटी बनाएं, बच्चे पढ़ने के लिए बाहर जाते हैं.
कांग्रेस सांसद सैयद नासिर हुसैन ने भाजपा पर स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक कॉलेज के नामकरण के जरिए ऐसे व्यक्ति का महिमामंडन किया जा रहा है जिसने अंग्रेजों के समक्ष माफीनामा लिखा था. राज्यसभा सदस्य ने संवाददातों से कहा, ‘‘बहुत से लोग देश के लिए जिये और स्वतंत्रता संग्राम में बड़ा योगदान दिया. भाजपा उन लोगों को वैधता दे रही है जिन्होंने अंग्रेजों को माफीनामे लिखे थे और उनसे पेंशन ली थी.”
भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस सांसद नसीर हुसैन की वीर सावरकर के बारे में की गई टिप्पणी की कड़ी आलोचना की. उन्होंने पार्टी पर सावरकर जैसे प्रमुख व्यक्तियों का बार-बार अपमान करने का आरोप लगाया. पूनावाला ने कहा, “महान लोगों का अपमान करना कांग्रेस की पहचान बन गई है. राहुल गांधी ने एक बार फिर अपने एक सांसद नसीर हुसैन के माध्यम से वीर सावरकर का अपमान किया है. दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) अपने एक कॉलेज का नाम वीर सावरकर के नाम पर रख रहा है और कांग्रेस ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है.”
उन्होंने सावरकर पर कांग्रेस के रुख पर सवाल उठाते हुए हुसैन से पूछा, “मैं नसीर हुसैन जी से पूछता हूं कि क्या इंदिरा गांधी, शरद पवार, उद्धव ठाकरे या शिवराज सिंह चौहान भी गलत थे, क्योंकि इन सभी ने सावरकर की महानता की प्रशंसा की है?”
पंजाब से कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने दिल्ली में वीर सावरकर के नाम पर इंस्टीट्यूट बनाने पर कहा कि जो अंग्रेजों से माफी लेकर आए उनका इंस्टीट्यूट बनाया जाएगा, लेकिन जो फांसी लेकर आए उनका इंस्टीट्यूट कौन बनाएगा. आजादी के आंदोलन में पंजाब से भी कई लोगों को फांसी हुई थी. इन लोगों के लिए इंस्टीट्यूट कौन बनाएगा. इंस्टीट्यूट बनाना है तो शहीद भगत सिंह, लाला लाजपत राय, सुखदेव सिंह का बनाना चाहिए. मैं समझता हूं कि ऐसे लोगों ने देश के लिए कुर्बानी दी. ऐसे लोगों का इंस्टीट्यूट नहीं बनना चाहिए जो माफी मांग कर आए थे.
सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के नाम पर विश्व स्तरीय स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स इंस्टीट्यूट बनाए जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह को जो सम्मान मिलना चाहिए था, वह उन्हें नहीं दिया गया. वह 10 साल भारत के प्रधानमंत्री रहे थे. हमने सरकार से मांग की है कि स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स इंस्टीट्यूट बनाया जाए.
कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर उनसे दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रस्तावित नए कॉलेज का नाम वीर सावरकर के बजाय पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नाम पर रखने का आग्रह किया है. पत्र में एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने शिक्षा और प्रशासन में मनमोहन सिंह के योगदान पर प्रकाश डाला तथा अनुरोध किया कि कॉलेज उनकी विरासत का सम्मान करे.
पत्र में लिखा गया है कि, ‘माननीय प्रधानमंत्री जी, आप वीर सावरकर के नाम पर, दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले एक कॉलेज का उद्घाटन करने वाले हैं. एनएसयूआई दृढ़ता से मांग करती है कि इस संस्थान का नाम पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी के नाम पर रखा जाए. उनके हाल ही में हुए निधन से एक बड़ी क्षति हुई है और उनके योगदान और विरासत को सम्मानित करने का सबसे अच्छा तरीका यह होगा कि प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों को उनके नाम पर समर्पित किया जाए.’
एनएसयूआई ने कहा है कि, ‘मनमोहन सिंह ने आईआईटी, आईआईएम, एम्स जैसे अनेक संस्थान स्थापित किए और केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम पेश किया. उनके नाम पर संस्थानों का नामकरण पीढ़ियों को प्रेरित करेगा और उनके परिवर्तनकारी दृष्टिकोण का सम्मान करेगा. सरकार को भारत के लिए उनके अद्वितीय योगदान को मान्यता देने के लिए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए.’
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