BJP Strategy In Delhi Government: दिल्ली सरकार में मुख्यमंत्री और मंत्रियों के चयन को बीजेपी का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है. जानिए ऐसा क्यों…
Delhi Government:दिल्ली में 27 सालों बाद बीजेपी की सरकार बनी तो हर किसी को अंदाजा था कि वो इस मौके को बेहतरीन ढंग से इस्तेमाल करेगी. दिल्ली सिर्फ एक राज्य नहीं है, बल्कि देश की राजधानी है. यहीं प्रधानमंत्री रहते हैं. दुनिया का हर बड़े नेता और बिजनेसमैन को भारत से संबंध बनाने के लिए दिल्ली आना पड़ता है. पूरे देश की नजर भी दिल्ली पर बनी रहती है. ऐसे में बीजेपी ने दिल्ली में मुख्यमंत्री के नाम पर ही नहीं, बल्कि हर मंत्री के नाम पर खूब मंथन किया है. जाति समीकरण से लेकर विभागों का बंटवारा भी बहुत सोच समझ कर लिया गया है.
सबसे पहले जानिए सभी मंत्रियों के विभाग
अब जानिए पहली कैबिनेट बैठक के फैसले
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कैबिनेट के फैसलों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कैबिनेट मीटिंग हुई, उसमें हमने मुख्यतः दो बड़े एजेंडे पर चर्चा करते हुए उन्हें पास किया.
कौन हैं रेखा गुप्ता
हरियाणा के चरखी दादरी के कस्बा बौंद कलां की बहू रेखा गुप्ता अब दिल्ली की मुख्यमंत्री बन गई हैं.रेखा गुप्ता के पति के परदादा साधू राम सहित परिवार के अन्य लोग करीब 70 साल पहले बौंद कलां छोड़कर कारोबार के चलते दिल्ली में शिफ्ट हो गए थे, लेकिन परिवार के सदस्यों का गांव में आना-जाना लगा रहा.गुप्ता (50) ने पांच फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव में शालीमार बाग सीट पर ‘आप’ उम्मीदवार बंदना कुमारी को 29,000 से अधिक मतों से हराया था. रेखा गुप्ता सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी के बाद दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री होंगी. ये जाति से वैश्य समुदाय से आती हैं.
कौन हैं प्रवेश वर्मा
प्रवेश वर्मा के पिता साहिब सिंह वर्मा दिल्ली के मुख्यमंत्री थे. प्रवेश वर्मा दिल्ली की पश्चिमी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से दो बार सांसद रह चुके हैं. उनकी पहचान दिल्ली के बड़े जाट नेता के तौर पर होती है. वह बीजेपी के फायरब्रांड नेता माने जाते हैं. इनका प्रभाव हरियाणा से लेकर वेस्ट यूपी के जाटों पर भी माना जाता है.
कौन हैं आशीष सूद
आशीष सूद जनकपुरी से विधायक हैं. ये बीजेपी का दिल्ली में पंजाबी चेहरा हैं. रेखा गुप्ता की तरह सूद भी पहली बार विधायक बने हैं. इससे पहले आशीष पार्षद रहे हैं. उनका सांगठनिक करियर काफी लंबा है. वो इस समय गोवा के प्रभारी और जम्मू कश्मीर के सह प्रभारी हैं.
कौन हैं मनजिंदर सिरसा
अकाली दल से बीजेपी में आए मनजिंदर सिंह सिरसा को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. अकाली दल में रहते हुए वो बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ते-लड़ते बीजेपी के हो गए. सिरसा ने 2013 का विधानसभा चुनाव राजौरी गार्डन सीट से अकाली दल के टिकट पर जीता था. उस समय अकाली दल और बीजेपी में गठबंधन था. 2017 का उपचुनाव उन्होंने बीजेपी के टिकट पर लड़ा. वो 2021 में अकाली दल छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. सिरसा दिल्ली में बीजेपी का सिख चेहरा हैं. वह तीसरी बार विधायक बने हैं.
कौन हैं रविंद्र इंद्राज सिंह
कैबिनेट मंत्री की शपथ लेने वालों में रविंद्र इंद्राज का नाम भी शामिल है. साल 1975 में पैदा हुए रविंद्र दिल्ली बीजेपी के दलित चेहरा हैं. वो बवाना विधानसभा सीट से चुनाव जीत कर आए हैं. वो बीजेपी की अनुसूचित जाति मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य हैं. उनके पिता इंद्राज सिंह 1993 में नरेला विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर विधायक चुने गए थे.
कौन हैं कपिल मिश्रा
कपिल मिश्रा रेखा गुप्ता की कैबिनेट के एक मात्र ऐसे सदस्य हैं, जिनके पास पहले भी मंत्री रहने का अनुभव है. वो 2015 में बनी आम आदमी पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए थे, लेकिन कुछ विवाद के बाद उन्होंने आप छोड़ दी थी. वो 2020 के चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए. कपिल मिश्र करावल नगर सीट से जीते हैं. इस सीट से वो 2015 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर जीते थे, लेकिन 2020 के चुनाव में यह सीट बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट ने जीत ली थी. ये बीजेपी दिल्ली के ब्राह्मण चेहरा हैं.
कौन हैं पंकज सिंह
कैबिनेट मंत्री बनाए गए पंकज कुमार सिंह विकासपुरी सीट से जीतकर आए हैं. वह पेशे से दांत के डॉक्टर हैं. दिल्ली की राजनीति में उनकी पहचान पूर्वांचली नेता के तौर पर होती है. पंकज कुमार सिंह नगर निगम की राजनीति करते हुए विधानसभा तक पहुंचे हैं. वो बिहार के बक्सर के रहने वाले हैं. उनके पिता राज मोहन सिंह दिल्ली में आयुक्त के पद पर रह चुके हैं. उनके बड़े भाई सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं.
कैसे BJP ने साधे समीकरण
इन सभी के बारे में जान लेने के बाद आपको अंदाजा लग गया होगा कि बीजेपी ने दिल्ली में वैश्य, जाट, दलित, ब्राह्मण, पंजाबी, सिख और पूर्वांचली वोटरों के साथ-साथ महिला वोटरों को साध लिया है. दिल्ली में मुख्य वोट बैंक यही हैं. इसके अलावा बीजेपी ने बिहार, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब को भी दिल्ली के इन चेहरों के जरिए साध लिया है. साथ ही देश भर की महिला वोटरों को मैसेज दिया है कि बीजेपी महिलाओं को आगे बढ़ाने में लगी हुई है.
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