विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक एडीज इजिप्टी नाम के मच्छर के काटने से होने वली डेंगू नाम की बीमारी दुनिया में तेजी से फैल रही है. संगठन के आंकड़ों के मुताबिक इस साल अगस्त तक पूरी दुनिया में डेंगू के अब तक 12 लाख से अधिक मामले मिले है.
दिल्ली में इस महीने अब तक डेंगू के 500 से अधिक मामले आ चुके हैं. राजधानी में डेंगू के मामलों का बढ़ना जारी है.डेंगू के मामले केवल दिल्ली में ही नहीं बढ़ रहे हैं, बल्कि पूरी दुनिया में इसके संक्रमण में उछाल आया है.ब्राजील और दक्षिण अमेरिकी देश इस समय डेंगू से बुरी तरह प्रभावित हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के मुताबिक इस साल जनवरी से अगस्त तक दुनियाभर में डेंगू के एक करोड़ 23 लाख 88 हजार 906 मामले दर्ज किए गए थे. दुनिया भर में डेंगू से इस साल अगस्त तक सात हजार 865 लोगों की मौत हो चुकी है.
डेंगू का संक्रमण आखिर है क्या
डेंगू एक वायरल संक्रमण है. यह एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है. डेंगू के संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति में बुखार, तेज सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, उल्टी-मिचली, आंखों के पीछे दर्द और शरीर पर चकत्ते पड़ने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. डेंगू के गंभीर मामलों में शरीर के अंदर रक्तस्राव भी हो सकता है.ठीक से इलाज न मिलने पर मरीज की मौत भी होने की आशंका रहती है.
डब्लूएचओ के मुताबिक इस साल जनवरी से अगस्त तक दुनियाभर में डेंगू के एक करोड़ 23 लाख 88 हजार 906 मामले दर्ज किए गए थे. जबकि पिछले साल दुनियाभर में डेंगू के 52 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए थे.यानी की पिछले साल की तुलना में इस साल अब तक दो गुने से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. जबकि अभी इस साल के पूरा होने में तीन महीने बाकी हैं.विशेषज्ञों का कहना है कि 2024 के आंकड़े और अधिक भी हो सकते हैं, क्योंकि भारत जैसे कई देश अभी भी डेंगू के आंकड़े की रिकॉर्ड डब्लूएचओ के साथ साझा नहीं करते हैं.
भारत में डेंगू की स्थिति
जुलाई-अगस्त में देश के कई शहरों में डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है. राष्ट्रीय मच्छर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के आंकड़ों के मुताबिक जून के अंत तक देश में डेंगू के 32 हजार से अधिक मामले सामने आए थे. इस दौरान 32 मौतें दर्ज की गई थीं. वहीं 2023 में देशभर में डेंगू के करीब दो लाख 90 हजार मामले सामने आए थे और 485 मौतें दर्ज की गई थीं. इस साल के बचे हुए महीनों में डेंगू के मामलों में और तेजी आ सकती है.
देश में डेंगू के मामले ही नहीं बल्कि इससे संक्रमण वाले इलाकों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. साल 2001 में यह देश के आठ राज्यों और केंद्रशासित राज्यों तक ही सीमित था. लेकिन अब यह देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित राज्यों तक में फैल चुका है.
क्यों तेजी से बढ़ रहा है डेंगू
विशेषज्ञों का कहना है कि शहरीकरण, जलवायु परिवर्तन और लोगों और सामान की आवाजाही डेंगू के फैलने के कारणों में से प्रमुख है. विशेषज्ञों का मानना है कि घनी आबादी वाले शहरी इलाकों में यह बीमारी अधिक तेजी से फैलती है, क्योंकि शहर इसे फैलाने वाले मच्छर एडीज इजिप्टी को प्रजनन के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध कराते हैं. ये मच्छर स्थिर पानी में प्रजनन करते हैं.यही वजह है कि मानसून के दौरान और उसके बाद डेंगू के मामले तेजी से बढ़ते हैं.
जलवायु परिवर्तन की वजह से होने वाली तापमान में बढ़तोरी मच्छरों को प्रजजन के लिए अधिक स्थान उपलब्ध कराती है. तापमान बढ़ने से मच्छर उन जगहों पर भी प्रजनन कर लेते हैं, जहां वो पहले नहीं कर पाते थे.जलवायु परिवर्तन के कारण भी वायरस अधिक मजबूत हुआ है और वह तेजी से फैल रहा है.
दुनिया में केवल डेंगू के मामले ही नहीं बढ़ रहे हैं. डेंगू फैलाने वाले में वायरस से ही होने वाले चिकनगुनिया और जीका के मामलों में भी तेजी देखी गई है. जीका का पहला मामला भारत में 2016 में सामने आया था. लेकिन उसके बाद से जीका का संक्रमण देश में कई बार हो चुका है.
डेंगू फैलने से कैसे रोकें
मच्छरों को प्रजनन से रोककर हम डेंगू के संक्रमण को कम कर सकते हैं. इसके लिए जरूरी है कि हम अपने घरों और घरों के आसपास मच्छरों को प्रजनन के लायक माहौल न दें. कूलर, गमलों और बाहर पड़े डब्बों में पानी न जमा होने दें, क्योंकि मच्छर साफ और स्थिर पानी में ही प्रजनन करता है. खुद को मच्छर के काटने से बचा कर भी हम इसके संक्रमण को कम कर सकते हैं. एडीज इजिप्टी मच्छर दिन के समय ही हमें अपना शिकार बनाता है, इसलिए इससे बचने के लिए जरूरी है कि हम ऐसे कपड़े पहनें जिससे हमारा शरीर पूरी तरह से ढंक जाए.
क्या डेंगू के लिए क्या कोई टीका है
डब्लूएचओ ने इस साल मई में डेंगू के लिए एक टीके को मान्यता दी है. इससे पहले भी एक टीके को मान्यता दी जा चुकी है. इस साल मई में जिस टीके को मान्यता दी गई है, उसका नाम है- टीएके-003. इसे जापानी कंपनी टाकेडा ने बनाया है. डब्लूएचओ ने इसे छह से 16 साल तक के बच्चों के लिए अनुमोदन दिया है. तीन महीने के अंतराल पर इसके दो डोज लेने होते हैं. लेकिन इसे अभी भारत में मान्यता नहीं मिली है. भारत में भी इसके लिए टीका बनाने पर काम हो रहा है.डेंगू के दूसरे टीके का नाम डेंगवैक्सिया है.
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