हिमानी नरवाल से पहले सचिन की जिंदगी में ज्योति नाम की लड़की थी. सचिन ने 10 साल पहले ज्योति से लव मैरिज की थी. इस शादी से सचिन को दो बच्चों भी हुए. जानकारी के अनुसार सचिन के पिता ड्राइवर हैं, सचिन अपने ही घर में माता-पिता से अलग रहता है.
एक साल पहले कांग्रेस कार्यकर्ता हिमानी नरवाल की जिंदगी में सबकुछ सही चल रहा था. परिवार से दूर रोहतक के विजय नगर में वो खुशी-खुशी रह रही थी और करियर पर फोकस कर रही थी. हालांकि इस बीच उसकी जिदंगी में सचिन नाम का एक लड़का आया. दोनों की दोस्ती सोशल मीडिया के जरिए हुई. धीरे-धीरे दोनों एक दूसरे से मिलने लगे. दिल्ली में हिमानी का परिवार इस बात से अनजान था. हिमानी की मां को नहीं पता था कि उनकी बेटी की जिदंगी में कोई लड़का आया है. सचिन को हिमानी नरवाल का कथित बॉयफ्रेंड बताया जा रहा है.
गला घोंटा और शव सूटकेस में भरा
सचिन की ‘हेट स्टोरी’
हिमानी नरवाल से पहले सचिन की जिंदगी में ज्योति नाम की लड़की थी. सचिन ने 10 साल पहले ज्योति से लव मैरिज की थी. इस शादी से सचिन को दो बच्चों भी हुए. जानकारी के अनुसार सचिन के पिता ड्राइवर हैं, सचिन अपने ही घर में माता-पिता से अलग रहता है. सचिन के पत्नी भी बच्चों को लेकर मायके चली गई थी. आरोपी की एक मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान है, जो गांव कानौन्दा, जिला झज्जर में स्थित है. सचिन पर आरोप है कि उसने हिमानी को प्रेम जाल में फंसाया और किसी बात पर लड़ाई होने पर हिमानी की हत्या कर दी.
हिमानी कांग्रेस पार्टी की एक समर्पित कार्यकर्ता थी और उसने राहुल गांधी की अगुवाई वाली भारत जोड़ो यात्रा में भी हिस्सा लिया था.
झगड़ा के बाद हत्या
28 फरवरी को सचिन का हिमानी से झगड़ा हुआ था. जिसके बाद सचिन ने हिमानी को चुन्नी से बांध दिया था. फिर मोबाइल चार्जर की वायर से हिमानी का गला घोट दिया. हिमानी के शव को लेकर जाते हुए आरोपी की यह हरकत सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गई, जिससे पुलिस को इस मामले में अहम सुराग मिला. हालांकि वीडियो में आरोपी का चेहरा साफ तौर पर नहीं देखा रहा था.
सफेद रंग की शर्ट और काले रंग की पैंट पहने हुए रात करीब 10 बजे आरोपी काले रंग का ट्रॉली बैग लेकर कहीं जाते हुए दिखा. वीडियो में वह बेखौफ होकर हिमानी के शव को ले जा रहा था. सचिन ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसने झगड़े के बाद हिमानी को मारा. उसके बाद हिमानी के शव को उसके ही शूटकेस में डाल दिया.
बता दें कि हिमानी मर्डर केस में आरोपी सचिन को पुलिस ने सोमवार को जिला कोर्ट में पेश किया. इस दौरान कोर्ट ने आरोपी को 3 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया. पुलिस ने आरोपी से पूछताछ करने के लिए कोर्ट से सात दिन के रिमांड की मांग की थी, लेकिन सिविल जज एवं न्यायिक दंडाधिकारी अमित श्योराण की कोर्ट ने आरोपी सचिन को सिर्फ तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया.
हत्या के दो दिन बाद गिरफ्तार हुआ आरोप
रोहतक में पत्रकारों से बात करते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) के के राव ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी सचिन को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था.राव ने कहा कि यह एक हत्या थी, जिसके कुछ सुराग मिले हैं. उन्होंने कहा, ‘‘जब शव पाया गया तो हमने एसआईटी सहित आठ टीम गठित कीं. हमारी प्राथमिकता शव की पहचान करना था. जब परिवार ने उसकी पहचान की, तो पुलिस ने आरोपी का पता लगाने के लिए तेजी से जांच की.”पिछले डेढ़ साल से आरोपी सोशल मीडिया के जरिए महिला के संपर्क में था और उसके घर भी आता-जाता था. 27 फरवरी को आरोपी उसके घर पहुंचा और दोनों के बीच झगड़ा हुआ. अधिकारी ने कहा कि दोनों के बीच पैसे को लेकर झगड़ा हुआ था. लेकिन मामला क्या था, इसकी सबसे पहले पड़ताल की जाएगी.पुलिस के अनुसार, सचिन ने मोबाइल फोन के चार्जर से जुड़े तार से हिमानी का गला घोंट दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.हिमानी का गला घोंटने के बाद सचिन ने उसके गहने, लैपटॉप, अंगूठी ली और स्कूटर पर सवार होकर झज्जर चला गया और वहां अपनी दुकान में ये सामान छिपा दिया.पुलिस के अनुसार उसी रात वह उसके घर लौटा, उसके शव को काले सूटकेस में भरकर बैग और खून से सनी रजाई के साथ ऑटोरिक्शा में बैठकर चला गया.जांच को बाधित करने के लिए वह सांपला बस अड्डे के पास उतर गया. ऑटो-रिक्शा के चले जाने के बाद उसने सूटकेस फेंक दिया और भाग गया.अधिकारी ने बताया कि ऑटोरिक्शा चालक को इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि यात्री सूटकेस में शव लेकर जा रहा है.उन्होंने कहा, ‘‘दोनों के बीच शादी की कोई बात नहीं हुई थी क्योंकि आरोपी पहले से शादीशुदा है… लेकिन वे दोस्त थे.’
इस पूरे मामले पर हिमानी ने कहा, मेरी बेटी 18 तारीख को एक कार्यक्रम में जाने के लिए घर पर तैयार थी, लेकिन उसके बाद के घटनाक्रम से मैं हैरान हूं. मेरी बेटी मुझसे कुछ नहीं छुपाती थी. मुझे अपनी हर बात बताती थी. वो मुझे पैसों से संबंधित बात भी बताती थी. यहां तक कि पार्टी के दूसरे कार्यकर्ता भी मेरी बेटी को पैसे देने के लिए तैयार रहते थे. लेकिन, मेरी बेटी ने आज तक किसी से कोई मदद नहीं ली. मेरी बेटी अपनी पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए संघर्ष कर रही थी. उसने फीस भरने के लिए समय भी मांगा था और कहा था कि मैं नौकरी खोज रही हूं. मुझे नौकरी मिल जाएगी तो मैं फीस भर दूंगी.
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