एशिया की सबसे बड़ी स्लम बस्ती धारावी को अंग्रेजों ने बसाया था. यह कॉमर्शियल प्रॉपर्टी के लिहाज से देश के सबसे महंगे इलाके बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स से कुछ ही दूरी पर स्थित है. 625 एकड़ में फैली इस स्लम बस्ती का साइज न्यूयॉर्क के सेंट्रल पार्क जितना है.
महाराष्ट्र के मुंबई में 640 एकड़ में फैले एशिया के सबसे बड़े स्लम धारावी के रीडेवलपमेंट के लिए अदाणी ग्रुप (Adani Group) और महाराष्ट्र सरकार साथ मिलकर काम कर रहे हैं. अदाणी ग्रुप ने धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट (DRP) में 2000 करोड़ रुपये का इंवेस्टमेंट किया है. इस जॉइंट वेंचर को अदाणी ग्रुप लीड कर रहा है, जो धारावी में रेसिडेंशियल और कमर्शियल यूनिट्स बनाने के लिए जिम्मेदार है. टीचर्स डे के मौके पर 5 सितंबर को अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी (Gautam Adani) ने एक इवेंट में धारावी प्रोजेक्ट की अहमियत का जिक्र किया. अदाणी ने कहा, “धारावी सिर्फ प्रोजेक्ट नहीं है, बल्कि ये वहां रहने वाले इंसानों की गरिमा की बात है. अदाणी ग्रुप इस काम को पूरी लगन और कमिटमेंट के साथ पूरा करेगा.”
एशिया की सबसे बड़ी स्लम बस्ती धारावी को अंग्रेजों ने बसाया था. यह कॉमर्शियल प्रॉपर्टी के लिहाज से देश के सबसे महंगे इलाके बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स से कुछ ही दूरी पर स्थित है. 625 एकड़ में फैली इस स्लम बस्ती का साइज न्यूयॉर्क के सेंट्रल पार्क जितना है. यहां कितने लोग रहते हैं, इसका ठीक-ठीक आंकड़ा तो नहीं है. लेकिन एक अनुमान के मुताबिक, 240 हेक्टेयर की इस बस्ती में 8 लाख लोग रहते हैं. धारावी में छोटे-छोटे करीब 13 हजार बिजनेस भी हैं.
“धारावी शहरी पुनर्वास ही नहीं, गरिमा का मामला” : मुंबई के जय हिंद कॉलेज में बोले गौतम अदाणी#GautamAdani | #Mumbai | #Teachersday2024 | #Dharavi pic.twitter.com/1LXP1HvGE3
— NDTV India (@ndtvindia) September 5, 2024
क्या है धारावी का रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट?
धारावी को रीडेवलप करने की योजना पहली बार 1980 में बनी थी. लेकिन, यह अब तक सिरे नहीं चढ पाई है. 2004 में महाराष्ट्र राज्य सरकार ने धारावी का बेहतर सिटी इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ कायाकल्प करने की परिकल्पना एक बार फिर की. इस परियोजना में झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों वाले लोगों सहित 68,000 लोगों को शिफ्ट करना शामिल था. जिन लोगों की झुग्गी-झोपड़ी यहां 1 जनवरी, 2000 से पहले अस्तित्व में है उन्हें 300 वर्ग फीट का घर सरकार की तरफ से फ्री में दिया जाना था. योजना तो बनी पर इस पर काम नहीं हुआ.
पहले दुबई स्थित इंफ्रास्ट्रक्चर फर्म को मिला था टेंडर
2018 में BJP-शिवसेना सरकार ने धारावी के लिए एक स्पेशल पर्पज व्हिकल (SPV) बनाई. इसके तहत धारावी के रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए नोटिफिकेशन जारी हुआ. ग्लोबल टेंडर निकाले गए. दुबई स्थित इंफ्रास्ट्रक्चर फर्म सेकलिंक टेक्नोलॉजीज कॉर्पोरेशन को जनवरी 2019 में धारावी के के रीडेवलपमेंट का टेंडर हासिल हुआ. हालांकि, रेलवे की जमीन ट्रांसफर नहीं होने की वजह से 2020 में यह टेंडर रद्द कर दिया गया.
2022 में अदाणी ग्रुप को मिला प्रोजेक्ट
धारावी के रीडेवलपमेंट के लिए 2022 में दोबारा से टेंडर निकाला गया. अदाणी ग्रुप, DLF ग्रुप और नमन ग्रुप ने टेंडर भरा. नमन ग्रुप को टेंडर की शर्तों को पूरा न करने पर बोली लगाने से पहले ही बाहर कर दिया गया. इस टेंडर के लिए अदाणी ग्रुप ने 5,069 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी बोली लगाई. जिसके बाद धारावी रीडेवलपमेंट का प्रोजेक्ट अदाणी ग्रुप को दे दिया गया.
कैसे होगा धारावी में रीडेवलपमेंट?
अदाणी ग्रुप ने धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट (DRPPL) के आर्किटेक्ट हफीज कॉन्ट्रेक्टर, अमेरिका की डिजाइन फर्म ससाकी (Sasaki) और ब्रिटिश कंसल्टेंसी फर्म बूरो हपोल्ड (Buro Happold) के साथ पार्टनरशिप की है. हफीज कॉन्ट्रेक्टर को कई सारे सोशल हाउसिंग प्रोजेक्ट बनाने का अनुभव है.
धारावी के निवासियों को मिलेगा 350 वर्ग फीट का मकान
इस प्रोजेक्ट के लिए महाराष्ट्र सरकार और अदाणी ग्रुप ने एक जॉइंट वेंचर धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट प्राइवेट लि. (DRPPL) बनया है. अदाणी ग्रुप ने ऐलान किया है कि वह धारावी स्लम बस्ती को एक मॉर्डन सिटी के रूप में डेवलप करेगा. अदाणी ग्रुप ने झुग्गी पुनर्विकास प्रोजेक्ट में 300 वर्ग फीट की जगह धारावी के निवासियों को 350 वर्ग फीट का मकान सभी सुविधाओं के साथ देने का भी ऐलान किया है. साथ ही धारावी में चल रही कॉमर्शियल एक्टिविटी के लिए भी इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने की बात कही है.
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