March 4, 2025
पार्किंग में खड़ी कार और कट गया टोल! कैसे हो जाता है खेल समझिए पूरा मामला

पार्किंग में खड़ी कार और कट गया टोल! कैसे हो जाता है खेल समझिए पूरा मामला​

IHMCL के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इस तरह की गलत कटौतियों का मुख्य कारण टोल ऑपरेटरों द्वारा मैन्युअल रूप से गलत वाहन नंबर दर्ज करने की वजह से होता है. जिम्मेदार टोल ऑपरेटर पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगा जा रहा है.

IHMCL के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इस तरह की गलत कटौतियों का मुख्य कारण टोल ऑपरेटरों द्वारा मैन्युअल रूप से गलत वाहन नंबर दर्ज करने की वजह से होता है. जिम्मेदार टोल ऑपरेटर पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगा जा रहा है.

क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि टोल प्लाजा से गुजरे बिना ही आपके फास्टैग वॉलेट से टोल टैक्स कट गया हो. आपकी गाड़ी पार्किंग में खड़ी हो और अचानक से आपके पास फास्टैग वॉलेट से टोल टैक्स कटने का मैसेज आ हो. अगर नहीं तो आप लकी है. क्योंकि कई फास्टैग यूजर को इस समस्या का सामना करना पड़ा है. बिना टोल प्लाजा से गुजरे उनके फास्टैग वॉलेट से टोल टैक्स कटा है. फास्टैग वॉलेट से ‘गलत’ कटौती के इन मामलों को अबभारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने गंभीरता लिया है और ऐसे मामलों पर नकेल कसने के लिए कड़े नियम बनाए गए हैं. कड़े नियमों के कारण ही अब इन मामलों में कमी भी दर्ज की गई है.

क्या होता है फास्टैग

आज के समय में अधिकतर लोग फास्टैग का इस्तेमाल करते हैं. फास्टैग गाड़ी के आगे वाले शीशे पर लगाया जाता है, जो कि आपके प्रीपेड वॉलेट से जुड़ा होता है. जब आप टोल से गुजरते हैं तो फास्टैग वॉलेट से टोल के पैसे कट जाते हैं ऐसे होने से आपको नेशनल हाइवे पर टोल देने के लिए रुकना नहीं पड़ता और समय बच जाता है.NPCI के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में फास्टैग लेनदेन की संख्या 6 प्रतिशत बढ़कर 38.2 करोड़ हो गई है, जो कि नवंबर में 35.9 करोड़ थी.साथ ही फास्टैग लेनदेन की वैल्यू 9 प्रतिशत बढ़कर 6,642 करोड़ रुपये हो गई है, जो कि नवंबर में 6,070 करोड़ रुपये थी.

आखिर क्यों होती है ये गड़बड़ी

गलती से फास्टैग वॉलेट से टोल टैक्स के पैसे क्यों कट जाते हैं, इसकी वजह NHAI ने बताई है. NHAI के अनुसार ऐसा तब होता है जब टोल ऑपरेटर वाहन का नंबर गलत दर्ज कर देते हैं. इसके अलावा कई बार विभिन्न कारणों से जब फास्टैग सही से रिड नहीं होता है तो भी गलती से फास्टैग से पैसे कट जाते हैं. NHAI के अनुसार फास्टैग रीड न होने पर टोल कर्मी मैनुअल एंट्री करते हैं, ऐसे में ये गड़बडी हो जाती है. गाड़ी का गलत नंबर डालने से पैसे कट जाता हैं.

NHAI ने लगाई 1 लाख रुपये तक की पेनल्टी

टोल ऑपरेटर की गलती की वजह से फास्टैग वॉलेट से पैसे कटने के जो मामले सामने आए हैं, उनको NHAI ने सख्ती से लिया है. NHAI ने कम से कम 250 मामलों में टोल कलेक्टरों को दंडित किया है. ऐसी गलती सामने आने पर राजमार्ग प्राधिकरण की टोल प्रबंधन इकाई, IHMCL ने 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाना शुरू कर दिया है. इतना भारी जुर्माना होने की वजह से गलत कटौती के मामलों में भारी गिरावट भी आई है.

IHMCL के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इस तरह की गलत कटौतियों का मुख्य कारण टोल ऑपरेटरों द्वारा मैन्युअल रूप से गलत वाहन नंबर दर्ज करने की वजह से होता है. जिम्मेदार टोल ऑपरेटर पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है.

भारी जुर्माना राशि होने के कारण ऐसे मामलों की संख्या में लगभग 70% की कमी दर्ज की गई है. TOI की रिपोर्ट के अनुसार अब एक महीने में IHMCL तक केवल 50 ही ऐसी शिकायतें पहुंच रही है.

कैसे कर सकते हैं शिकायत

अगर आपके फास्टैग वॉलेट से भी गलती से पैसे कटे हैं तो इसकी शिकायत 1033 पर कॉल करके कर सकते हैं. इसके अलावा falsededuction@ihmcl.com पर ईमेल भी भेज सकते हैं. शिकायत दर्ज होने के बाद हर मामले की गहन जांच की जाती है. शिकायत सही पाए जाने पर ग्राहकों को पैसे तुरंत वापस कर दिए जाते हैं.

फास्टैग के नए नियम भी जान लें आप

फास्टैग के नए नियम भी हाल ही में लागू हुए हैं. जिनके तहत जिन भी यूजर्स के फास्टैग में लो बैलेंस, भुगतान में देरी या फिर फास्टैग ब्लैकलिस्ट होगा, उन पर अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा.इस नियम को लागू करने के पीछे सरकार का उद्देश्य फास्टैग में होने वाली परेशानी के कारण टोल पर लगने वाली गाड़ियों की लंबी कतारों को कम करना है और यात्रा को सुविधाजनक बनाना है.नए नियमों के तहत, अगर गाड़ी के टोल पार करने से पहले फास्टैग 60 मिनट से अधिक समय तक और टोल पार करने के 10 मिनट बाद तक एक्टिव नहीं रहता है, तो लेनदेन अस्वीकार कर दिया जाएगा. सिस्टम में इस तरह के पेमेंट को ‘एरर कोड 176″ लिखकर रिजेक्ट कर देगा.नई गाइडलाइंस के मुताबिक, अगर वाहन के टोल रीडर से गुजरने के बाद टोल लेन-देन 15 मिनट से अधिक समय में किया जाता है, तो फास्टैग यूजर्स को अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है.अपडेटेड राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (एनईटीसी) गाइडलाइंस के अनुसार, यदि किसी लेनदेन में देरी होती है और यूजर्स के फास्टैग खाते में लो बैलेंस है, तो टोल ऑपरेटर को जिम्मेदार ठहराया जाएगा. इससे पहले यूजर्स टोलबूथ पर ही फास्टैग रिचार्ज करके आगे जा सकते थे. नए नियम के बाद अब यूजर्स को फास्टैग को पहले रिचार्ज करना होगा.

फास्टैग कैसे लगवाएं?

कई ऐसे बैंक हैं जो कि फास्टटैग की सुविधा देते हैं. इन बैंक के पोर्टल पर जाकर आप पेमेंट करके फास्टटैग के लिए अपील कर सकते हैं. आपका कार्ड आपके घर डिलीवर कर दिया जाता है. इसके अलावा कई टोल प्लाजा पर भी फास्टटैग बेचे जाते हैं, जहां से आप इन्हें खरीद सकते हैं. फास्टटैग में समय-समय पर रिर्चाज करवाना होता है.

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