प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के साथ द्विपक्षीय वार्ता में भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा की. रक्षा सौदों पर भी दोनों देशों के बीच बातचीत हुई, जिससे यकीनन चीन की चिंता बढ़ेगी.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ बेहद सार्थक बैठक की और इस दौरान दोनों नेताओं ने आपसी हितों के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की. साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र सहित वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया. पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन के बीच एक घंटे से अधिक समय तक बातचीत हुई. बंद कमरे में हुई इस बातचीत ने चीन की परेशानी बढ़ा दी हैं. वार्ता के बाद बाइडेन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा- भारत के साथ अमेरिका की साझेदारी पहले के मुकाबले अधिक मजबूत, घनिष्ठ और अधिक गतिशील है. जब भी हम मिलते हैं, मैं सहयोग के नए क्षेत्रों को तलाशने की हमारी क्षमता से प्रभावित होता हूं. आज भी ऐसा ही हुआ.
अमेरिका से प्रीडेटर ड्रोन पर डील अंतिम चरण में पहुंची
भारत और अमेरिका के बीच प्रीडेटर ड्रोन को लेकर डील लगभग फाइनल हो गई है. कुछ महीनों में ये डील फाइनल हो जाएगी. बताया जा रहा है कि अभी ड्रोन की कीमत पर सहमति नहीं बन पाई है. ये डील फाइनल होने के बाद 21 प्रीडेटर ड्रोन भारत आएंगे, जिन्हें भारतीय सीमाओं पर तैनात किया जाएगा. प्रीडेटर ड्रोन को ‘किलिंग ड्रोन’ के नाम से जाना जाता है. इसका पश्चिम एशिया के साथ-साथ अफ़गानिस्तान में भी प्रभावशाली साबित हुए हैं, आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं. इसकी सटीक बमबारी क्षमताओं और हाई वैल्यू टारगेट को ध्वस्त करने के कारण इसे काफी महत्व दिया जाता है. प्रीडेटर ड्रोन MQ-9 ‘रीपर’ का एक वर्जन है, जिसका इस्तेमाल जुलाई 2022 में काबुल के मध्य में अल-कायदा नेता अयमान अल-जवाहिरी को मारने वाली हेलफ़ायर मिसाइल को लॉन्च करने के लिए किया गया था.
जेट इंजन के लेकर भारत-अमेरिका के बीच बातचीत
भारत और अमेरिका के बीच जेट इंजन वाली डील के बीच आने वाली बाधाएं भी जल्द दूर होती नजर आएंगी. भारत और अमेरिका कुछ महीनों पहले एंटी सबमरीन उपकरणों की खरीद, लड़ाकू विमान इंजन और मानव रहित प्लेटफार्म जैसे महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी पर साथ आगे बढ़ने पर सहमत हुए थे. भारत के देसी तेजस विमान में अमेरिकी जेट इंजन लगा है. लेकिन तेजस के GE404 इंजन के सप्लाई चेन में मुश्किल आ रही है. प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन की वार्ता के दौरान इन मुद्दों पर भी बातचीत हुई. ऐसा माना जा रहा है कि द्विपक्षीय समझौते से सप्लाई का स्तर सुचारू होने की उम्मीद है.
बाइडेन ने की मोदी की प्रशंसा
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, पीएम मोदी ने बाइडेन से बातचीत के दौरान इस बात पर जोर दिया कि भारत और अमेरिका आज एक व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी का आनंद ले रहे हैं, जिसके तहत साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, हितों के अभिसरण और लोगों के बीच जीवंत संबंधों द्वारा संचालित मानव प्रयास के सभी क्षेत्र आते हैं. वहीं, बाइडन ने पोलैंड और यूक्रेन की ऐतिहासिक यात्राओं तथा यूक्रेन के लिए शांति तथा मानवीय समर्थन के संदेश के लिए मोदी की प्रशंसा की. बैठक के बाद प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पत्रकारों से कहा, ‘मुझे लगता है कि राष्ट्रपति बाइडेन और प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन से लेकर कई वैश्विक सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की. आपने देखा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हाल में यूक्रेन की यात्रा की. साथ ही उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिति पर भी बातचीत की.’
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