पुलिस ने बताया कि आरोपियों के पास फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट का कोई लाइसेंस या दस्तावेज नहीं था. प्रोटीन पाउडर बनाने के लिए FSSAI का न्यूट्रास्यूटिकल्स रेगुलेशन्स के तहत लाइसेंस जरूरी होता है, क्योंकि इसे हेल्थ सप्लीमेंट माना जाता है.
नोएडा के थाना सेक्टर-63 पुलिस और खाद्य विभाग ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए फर्जी फूड सप्लीमेंट फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने मामले में मास्टरमाइंड समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. फैक्ट्री से भारी मात्रा में प्रोटीन के डिब्बे, कैप्सूल के डिब्बे, रैपर, पाउडर के बोरे, पैकिंग मशीन, प्रिंटिंग मशीन और मुहर आदि सामान बरामद किए हैं. बरामद सामानों की कीमत करीब 50 लाख रुपए बताई जा रही है. यह गैंग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से सप्लीमेंट की सप्लाई करता था.
पूरा मामला जानिए
नोएडा सेक्टर 63 में नकली प्रोटीन पाउडर बनाने के कारखाने का भंडाफोड़ हुआ है. इस मामले में अभी तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया. रिपोर्ट के मुताबिक, एक कस्टमर ने ऑनलाइन खरीदा प्रोटीन पाउडर खाने के बाद लिवर इन्फेक्शन और स्किन डिजीज जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की शिकायत की थी.
क्या हुई कार्रवाई?
पुलिस ने बताया कि आरोपियों के पास फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट का कोई लाइसेंस या दस्तावेज नहीं था. प्रोटीन पाउडर बनाने के लिए FSSAI का न्यूट्रास्यूटिकल्स रेगुलेशन्स के तहत लाइसेंस जरूरी होता है, क्योंकि इसे हेल्थ सप्लीमेंट माना जाता है.
देखा जाए तो ये घटना हम सभी के लिए आंख खोलने वाली है. डॉक्टर से बिना सलाह के ऐसे उत्पादों की खरीददारी ना करें. इससे आपकी सेहत पर भी कोई असर नहीं होगा. सस्ता या विज्ञापन के प्रलोभन में नहीं पड़ें.
NDTV India – Latest
More Stories
Petrol-Diesel Price Today: पेट्रोल-डीजल के नए रेट जारी, आपके शहर में बढ़े या घटे दाम? फटाफट करें चेक
गोली से बचाने वाले ‘कमांडो’ के लिए ट्रंप ने खोला दिल, बनाया सीक्रेट सर्विस का मुखिया
Chhaava के पोस्टर में खौफनाक दिखे अक्षय खन्ना, औरगंजेब के लुक में पहचानना हुआ मुश्किल, जानें रिलीज डेट