सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को लेकर 4 दिसंबर को सुनवाई होगी. इस मामले में एक पक्ष ने एक्ट को रद्द करने की मांग की है तो जमीयत उलेमा ए हिंद ने इसका समर्थन किया है.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 (Places of Worship Act 1991) की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 4 दिसंबर को सुनवाई करेगा. चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच सुनवाई करेगी. इस मामले में कुल छह याचिकाएं दाखिल हुई हैं. हालांकि केंद्र सरकार ने अभी तक भी हलफनामा दाखिल नहीं किया है.
इस मामले में दाखिल छह याचिकाओं में विश्व भद्र पुजारी पुरोहित महासंघ, सुब्रह्मण्यम स्वामी और अश्विनी उपाध्याय के साथ ही जमीयत उलेमा ए हिंद की भी याचिका शामिल है.
जमीयत ने की जल्द सुनवाई की मांग
एक पक्ष ने जहां प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को रद्द करने की मांग की है. वहीं जमीयत उलेमा ए हिंद ने इसके समर्थन में अपनी याचिका दाखिल की है.
हाल ही में संभल की शाही जामा मस्जिद मे कोर्ट कमिश्नर सर्वे के निचली अदालत के फैसले के बाद जमीयत उलेमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर जल्द सुनवाई की मांग की थी.
बता दें कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को हिंदू पक्ष ने 2020 में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जबकि इसके समर्थन में जमीयत उलेमा ए हिंद ने 2022 में सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दाखिल की है.
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