राजद नेता जगदानंद सिंह ने सवाल उठाया कि बिहार स्मार्ट मीटर इतना अधिक लगाने के पीछे मकसद क्या है? क्या इसके माध्यम से आम जनता को लूटा जा रहा है?
बिहार में ज़मीन के सर्वे के बाद अब प्री पेड मीटर राज्य सरकार के लिए परेशानी का कारण बनता जा रहा हैं. दो प्रमुख राजनीतिक दल राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) और कांग्रेस ने इस मुद्दे पर धांधली का आरोप लगाते हुए आंदोलन करने की धमकी दी है. वहीं बिहार सरकार का कहना हैं कि ये सब राजनीतिक साज़िश हैं. बिहार सरकार के ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव ने इस मुद्दे पर एक संवादाता सम्मेलन में सफ़ाई देते हुए कहा कि अब तक पचास लाख लोगों के घर में ये प्री पेड मीटर लग चुका हैं लेकिन उन्होंने दावा किया कि किसी को शिकायत नहीं आयी है.
राजद ने बोला हमला
राजद नेता जगदानंद सिंह ने सवाल उठाया कि बिहार स्मार्ट मीटर इतना अधिक लगाने के पीछे मकसद क्या है? इसके माध्यम से आम जनता को लूटा जा रहा है. पूरे बिहार 32 लाख मीटर लगाए गए हैं. पूरे देश में लगभग एक करोड़ मीटर लगे हैं. उन्होंने दावा किया कि बिहार में पूरे देश के 30 प्रतिशत स्मार्ट मीटर लगे हैं. एक से एक बड़े राज्य हैं. लेकिन उन जगहों पर नहीं लगा है. राजद नेता ने इस पूरे मामले में भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया.
बिजली बिल में 500 प्रतिशत की हुई बढ़ोतरी: कांग्रेस
वहीं कांग्रेस महासचिव और बिहार कांग्रेस के प्रभारी मोहन प्रकाश ने कहा कि आम लोगों का कहना है कि स्मार्ट मीटर के कारण बिजली बिल में काफी बढ़ोतरी हो गयी है. जो बिल पहले 100 रुपये आते थे वो बढ़कर 500 रुपये तक पहुंच गए हैं. लोगों को 40-40 हजार रुपये के बिल भेजे गए हैं. जनता की कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकार बिहार को लूटने का कार्य कर रही है.
उर्जा मंत्री ने किया बचाव
पूरे मामले पर उर्जा मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि 50 लाख लोगों के घर में यह मीटर लग चुका है. अगर इससे लोगों को परेशानी हुई होती तो लोग भारी संख्या में विरोध कर रहे होते. उन्होंने कहा कि शहर में स्मार्ट मीटर होने के बाद भी बिल कम आ रही है तो गांव में कैसे अधिक आ सकती है? जो गलत तरीके से बिजली जलाते हैं उनके अंदर समस्या है. उन्हें समस्या हो रही है. विपक्षी दलों के बयान पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विरोध करने का अधिकार सबके पास है.
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