कर्नल की पत्नी जसविंदर कौर ने कहा कि मैं अपनी आवाज सिर्फ इसलिए उठा रही हूं क्योंकि मेरे बेटे ने कहा कि वह इस देश में नहीं रहना चाहता क्योंकि यह अब रहने लायक नहीं है. मुझे उसे साबित करना था कि न्याय मिलेगा
पंजाब के पटियाला में सेना के कर्नल और उनके बेटे से मारपीट का मामला अब और तूल पकड़ता दिख रहा है. इस मामले में कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाथ की पत्नी जसविंदर कौर बाथ ने पुलिस अधिकारियों की क्लास लगा दी है. उन्होंने इस घटना को लेकर कहा है कि हम तब तक लड़ेंगे जब तक हमें इंसाफ नहीं मिल जाता है. उनके पति और बेटे की बेरहमी से पिटाई के बाद भी पुलिस ने उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया था. यही वजह थी कि एफआईआर दर्ज करने में देरी हुई. साथ ही पुलिस ने इस मामले को कमरजोर करने की हर संभव कोशिश भी की. उन्होंने कहा कि मैं तो उन अफसरों को साफ तौर पर कह देना चाहती हूं कि जैसी उनकी हरकत हैं, उसे लेकर वो थप्पड़ खाएंगे.
कर्नल की पत्नी जसविंदर कौर ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
#WATCH | Chandigarh | Jaswinder Kaur Bath, wife of Colonel Pushpinder Singh Bath, who was allegedly assaulted by Punjab Police personnel in Patiala, says, “We went to meet DGP Gaurav Yadav, but he was busy. We waited for one and a half hours, but then he left without meeting us.… pic.twitter.com/nBH8oefR7n
— ANI (@ANI) March 22, 2025
इस घटना को लेकर जसविंदर कौर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की. इस दौरान उन्होंने कहा कि DG साहब से मिलने गए थे. हमारे पास सबूत थे. हमें वेट करने के लिए कहा गया. हमने डेढ़ घंटा वेट किया. फिर वो किसी मीटिंग की बात कहकर हमारी बात सुने बगैर अपने ऑफिस से चले गए. हर वर्दी पहनने वाला ब्रदर्स ऑफिसर्स होते हैं. लेकिन ये सिर्फ हम सोचते हैं. आर्मी के जवानों को उस तरह से सम्मान नहीं दिया जा रहा है जिस तरह से वर्दी पहने वालों को दिया जाना चाहिए.

उन्होंने आगे कहा कि मैं अपनी आवाज सिर्फ इसलिए उठा रही हूं क्योंकि मेरे बेटे ने कहा कि वह इस देश में नहीं रहना चाहता क्योंकि यह अब रहने लायक नहीं है. मुझे उसे साबित करना था कि न्याय मिलेगा. फिर, हम राज्यपाल से मिलने गए, और जब मैंने उनसे बात की और जब मैंने उन्हें तस्वीरें और क्रूरता दिखाई, तो उनकी आंखों में आंसू थे. उन्होंने डीजीपी को फोन किया और उनसे कहा कि इस मामले में FIR कराना मेरा अधिकार है, सभी नामों के साथ और कृपया जो जरूरी है वह करें. फिर राज्यपाल ने हमसे कहा कि अगर FIR दर्ज नहीं होती है, तो हमें उनसे संपर्क करना चाहिए. मैं हमारे साथ खड़े होने के लिए राज्यपाल को धन्यवाद देना चाहती हूं.
उन्होंने कहा कि मुझे मीडिया के माध्यम से पता चला कि एसएसपी नानक सिंह ने कहा था कि एक मजिस्ट्रियल जांच स्थापित की गई थी, लेकिन FIR को बदला नहीं जा सकता. आज, जब हर कोई मेरे साथ खड़ा है, तो सभी राजनेताओं ने मुझे फोन करना शुरू कर दिया, लेकिन मैंने एक भी फोन नहीं उठाया क्योंकि यह कोई राजनीतिक लड़ाई नहीं है. वे यह नहीं कह सकते कि हम शराब के नशे में थे, क्योंकि यह सरकारी अस्पताल की (मेडिकल) रिपोर्ट में है. एक पुलिस इंस्पेक्टर ने मुझसे कहा कि हम कुछ पुलिसकर्मियों के नाम एफआईआर में नहीं जोड़ सकते, क्योंकि उन्हें डीआईजी द्वारा एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में सम्मानित किया गया है और वे पदोन्नत होने वाले हैं.
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