भारत से ज्यादातर गुड्स जो एक्सपोर्ट अमेरिका होता है उसकी ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग अमेरिका में नहीं होती. भारतीय एक्सपोर्ट से अमेरिका की मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को कोई खतरा नहीं है.
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन के डीजी और सीईओ अजय सहाय ने ट्रंप की “पारस्परिक टैरिफ” की धमकी पर एनडीटीवी से कहा: अभी यह साफ नहीं है कि अमेरिका “Reciprocal Tariff” कितना और किसी प्रोडक्ट पर लगाएगा. ट्रंप-मोदी मुलाकात के दौरान भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 500 बिलीयन डॉलर तक बढ़ने पर सहमति बनी है.दोनों देशों के बीच एक मल्टी प्रोडक्ट Bilateral Trade Agreement पर भी सहमति है.
भारत से ज्यादातर गुड्स जो एक्सपोर्ट अमेरिका होता है उसकी ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग अमेरिका में नहीं होती. भारतीय एक्सपोर्ट से अमेरिका की मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को कोई खतरा नहीं है. हो सकता है कि हमें कुछ अमेरिकन प्रोडक्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटीज घटाना पड़े. हमें US के साथ नेगोशिएट करना पड़ेगा, उन्हें कुछ मार्केट एक्सेस देना पड़ेगा.
अगर अमेरिका दुनिया के बड़े देशों के खिलाफ टेरिफ फॉर शुरू करता है तो हमारा आंकलन है कि इससे भारतीय एक्सपोर्टर को फायदा होगा. हमने 175 Tariff Lines identify की है जिसमें अमेरिका, इंडिया और चीन सीधे एक दूसरे से compete करते हैं. 238 बिलियन डॉलर के इन टैरिफ लाइन का एक हिस्सा बिजनेस का चीन से भारत शिफ्ट हो सकता है.
हमारा आंकलन है कि उस अगर US Tariff War शुरू करता है तो इससे भारतीय एक्सपोर्टर के लिए 25 से 30 बिलियन डॉलर तक का नया एक्सपोर्ट मार्केट खुल सकता है.
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