जस्टिन ट्रूडो के शीर्ष पद से हटने के बाद मार्क कार्नी द्वारा कनाडा के नए प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के भारत ने दोनों देशों के बीच के संबंध को सुधारने की उम्मीद जताई है.
India-Canada Relations:चरमपंथ और खालिस्तान के मुद्दे को लेकर पिछले कुछ सालों से भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में तल्खी देखने को मिली है. कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के समय पर दोनों देशों के रिश्ते काफी बुरे हालात में पहुंच गए. लेकिन अब कनाडा में सत्ता परिवर्तन के बाद भारत दोनों देशों के बीच के रिश्ते में सुधार की उम्मीद कर रहा है. शुक्रवार 21 मार्च को भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इसकी उम्मीद जताई है.
रणधीर जायसवाल ने माना कि भारत और कनाडा के द्विपक्षीय संबंधों में गिरावट देश में चरमपंथी और अलगाववादियों को लाइसेंस दिए जाने की वजह से आई है.
दरअसल भारत ने शुक्रवार को कहा कि वह कनाडा के साथ ‘‘आपसी विश्वास और संवेदनशीलता” के आधार पर संबंधों को फिर से बेहतर बनाना चाहता है. भारत ने संबंधों में तनाव के लिए कनाडा में चरमपंथी और अलगाववादी तत्वों को दी गई ‘‘खुली छूट” को जिम्मेदार ठहराया. नई दिल्ली की यह टिप्पणी, जस्टिन ट्रूडो के शीर्ष पद से हटने के बाद मार्क कार्नी द्वारा कनाडा के नए प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के कुछ दिनों बाद आई है.
कार्नी ने कहा है कि वह भारत के साथ संबंध सुधारना चाहते हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि उस देश में चरमपंथी और अलगाववादी तत्वों को ‘खुली छूट’ देना ही भारत-कनाडा संबंधों में गिरावट का कारण है.
वह अपनी साप्ताहिक प्रेसवार्ता के दौरान भारत-कनाडा द्विपक्षीय संबंधों की वर्तमान स्थिति पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे. जायसवाल ने कहा, ‘‘हमारी उम्मीद है कि हम आपसी विश्वास और संवेदनशीलता के आधार पर अपने संबंधों को फिर से बेहतर बना सकते हैं.”
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