महाराष्‍ट्र में महायुति को कैसे मिली जबरदस्‍त जीत? शरद पवार ने बताए यह कारण ​

 महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Elections) में महायुति की जबरदस्‍त जीत को लेकर एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने कारण गिनाए हैं. पवार की पार्टी इन चुनावों में महज 10 सीटें ही जीत सकी हैं.

महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम (Maharashtra Assembly Election Result) आने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने रविवार को कहा कि ‘लाडकी बहिन’ योजना, मतदान में बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी और धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण ने महायुति की जीत में संभवत: भूमिका निभाई. उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे, लेकिन वह पार्टी को फिर से मजबूत करेंगे. सक्रिय राजनीति से अलग होने के बारे में पूछे गए सवाल पर पवार ने कहा कि वह और उनकी पार्टी के सहयोगी इस बारे में फैसला करेंगे.

सतारा जिले के कराड शहर में पत्रकारों से बातचीत में शरद पवार ने स्वीकार किया कि उनके भतीजे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने उनकी पार्टी (राकांपा-एसपी) से अधिक सीट पर जीत दर्ज की है. उन्होंने कहा, ‘‘हर कोई जानता है कि राकांपा की स्थापना किसने की थी.”

लाडकी बहिन योजना और ध्रुवीकरण की भूमिका

उन्होंने कहा, ‘‘लाडकी बहिन योजना और धर्म के आधार पर ध्रुवीकरण ने इसमें भूमिका निभाई. महिलाओं की बड़ी संख्या में भागीदारी महाराष्ट्र में महायुति की जीत का कारण हो सकती है. हम हार के कारणों पर विचार-विमर्श करेंगे और आवश्यक कदम उठाएंगे.”

पवार ने कहा कि राकांपा (शरदचंद्र पवार) नये नेतृत्व की नई ऊर्जा के साथ लोगों के बीच जाएगी. 

ईवीएम पर पूछे गए सवाल के जवाब में पवार ने कहा कि वह ईवीएम के बारे में तभी बोलेंगे जब उनके पास आधिकारिक आंकड़े होंगे. एक दिन पहले शिवसेना (उबाठा) नेता संजय राउत ने महायुति के पक्ष में आए बड़े जनादेश के पीछे ‘‘गड़बड़ी” का संदेह जताया था. 

शरद पवार की पार्टी को मिली सिर्फ 10 सीटें

पवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपने राजनीतिक जीवन की सबसे करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है. उनके नेतृत्व वाली राकांपा (एसपी) को 288 सदस्यीय विधानसभा में केवल 10 सीटें मिलीं, जबकि अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा को 41 सीटें मिलीं. 

महायुति ने भारी जीत हासिल की जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 132, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 और राकांपा ने 41 सीटें जीतीं. इसके विपरीत, विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) 46 सीटों पर ही सिमट गया. 

राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने कहा, ‘‘महा विकास आघाडी गठबंधन ने बहुत मेहनत की, लेकिन वांछित परिणाम नहीं मिले, भले ही लोगों ने चुनाव प्रचार के दौरान एमवीए को सकारात्मक प्रतिक्रिया दी.”

और अधिक काम किए जाने की जरूरत : पवार

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में सफलता हासिल करने के बाद एमवीए अधिक आश्वस्त था. पवार ने यह भी कहा कि और अधिक काम किए जाने की जरूरत है. यह पूछे जाने पर कि क्या वह चुनाव परिणामों से हैरान रह गए, पवार ने कहा, ‘‘कल चुनाव परिणाम घोषित किए गए. आज मैं कराड में हूं. जो लोग हतोत्साहित हुए, वे घर बैठ गए होंगे.”

पवार ने यह भी कहा कि बारामती में अजित पवार के खिलाफ अपने पोते युगेंद्र पवार को मैदान में उतारना कोई गलत फैसला नहीं था, क्योंकि किसी को तो चुनाव लड़ना ही था. अजित पवार ने बारामती में युगेंद्र को एक लाख से अधिक मतों के अंतर से हराकर आठवीं बार जीत हासिल की.

शरद पवार ने कहा, ‘‘अजित पवार और युगेंद्र पवार की तुलना नहीं की जा सकती. हम इस तथ्य से अवगत थे.”

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