April 20, 2025

मुंबई हमले से पूरी दुनिया चौक गई थी, इस जंग में हमेशा भारत का साथ दिया : अमेरिका​

अमेरिकी विदेशमंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि मुंबई हमले से पूरी दुनिया चौक गई थी. इस जंग में हमेशा अमेरिका ने भारत का साथ दिया. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमेशा भारत का साथ दिया. अमेरिका ने तहव्वुर राणा का प्रत्यपर्ण किया गया.

अमेरिकी विदेशमंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि मुंबई हमले से पूरी दुनिया चौक गई थी. इस जंग में हमेशा अमेरिका ने भारत का साथ दिया. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमेशा भारत का साथ दिया. अमेरिका ने तहव्वुर राणा का प्रत्यपर्ण किया गया.

मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा का अमेरिका से प्रत्यर्पण सफल रहा. राणा को लेकर भारत का कानून अपना काम कर रहा है. अब इस पूरे मामले पर अमेरिका की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है. अमेरिकी विदेशमंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि मुंबई हमले से पूरी दुनिया चौक गई थी. इस जंग में हमेशा अमेरिका ने साथ दिया. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमेशा भारत का साथ दिया. अमेरिका ने तहव्वुर राणा का प्रत्यपर्ण किया गया.

बता दें कि मुंबई आंतकी हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को बृहस्पतिवार रात दिल्ली की एक अदालत में पेश किया गया. राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने अदालत से राणा को 20 दिन के लिए हिरासत में देने का अनुरोध किया. राणा को जेल वैन, बख्तरबंद विशेष वाहन और एक एम्बुलेंस सहित कई वाहनों के काफिले में पटियाला हाउस अदालत में लाया गया.

राणा को एनआईए के विशेष न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह के समक्ष पेश किया गया.एजेंसी ने अदालत को बताया कि 2008 के हमलों के पीछे की बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए राणा से पूछताछ जरूरी है. एजेंसी ने अदालत को यह भी बताया कि हमलों की साजिश में उसकी भूमिका की जांच करनी है.

एनआईए ने कहा कि आपराधिक साजिश के तहत, आरोपी नंबर एक डेविड कोलमैन हेडली ने भारत आने से पहले राणा के साथ पूरी साजिश (मुंबई आंतकी हमला) पर चर्चा की थी.वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और विशेष सरकारी अभियोजक नरेन्द्र मान ने एनआईए का प्रतिनिधित्व किया. कार्यवाही से पहले न्यायाधीश ने राणा से पूछा कि क्या उसके पास कोई वकील है.

राणा ने जब कहा कि उसके पास कोई वकील नहीं है, तो न्यायाधीश ने उसे बताया कि दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से उसे वकील मुहैया कराया जा रहा है. इसके बाद वकील पीयूष सचदेवा को उसका प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त किया गया. दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. (इनपुट्स भाषा से भी)

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