Haryana assembly election 2024: कांग्रेस की सांसद कुमारी शैलजा (Kumari Selja) ने आज NDTV से कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि उनकी पार्टी हरियाणा में 60 सीटों को पार कर जाएगी. सात एग्जिट पोल (Exit Polls) के औसत से संकेत मिला है कि कांग्रेस हरियाणा की 90 सीटों में से 55 सीटें जीतेगी, जो कि बहुमत के लिए जरूरी 46 सीटों से काफी अधिक है. हालांकि, यह नहीं कहा जा कता कि एग्जिट पोल हमेशा सही ही साबित होते हैं.
Haryana assembly election 2024: कांग्रेस की सांसद कुमारी शैलजा (Kumari Selja) ने आज NDTV से कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि उनकी पार्टी हरियाणा में 60 सीटों को पार कर जाएगी. सात एग्जिट पोल (Exit Polls) के औसत से संकेत मिला है कि कांग्रेस हरियाणा की 90 सीटों में से 55 सीटें जीतेगी, जो कि बहुमत के लिए जरूरी 46 सीटों से काफी अधिक है. हालांकि, यह नहीं कहा जा कता कि एग्जिट पोल हमेशा सही ही साबित होते हैं.
हरियाणा में कांग्रेस की जीत के पूर्वानुमान के साथ ही लोगों का ध्यान अब इस बात पर है कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रणदीप सुरजेवाला और खुद शैलजा ने चुनाव से बहुत पहले ही अपनी महत्वाकांक्षा जनता के सामने जाहिर कर दी थी. इससे पार्टी में अंदरूनी कलह की स्थिति पैदा हो गई थी.
पार्टियों में गुट राजनीति का हिस्सा
कुमारी शैलजा ने स्पष्ट कर दिया है कि वे शीर्ष पद की दौड़ में हैं, लेकिन यह पारंपरिक “दावा करने” के तरीके से नहीं होगा. शैलजा ने एनडीटीवी से कहा कि, “हर राज्य में गुट होते हैं. यह राजनीति का हिस्सा है. हरियाणा या मेरी पार्टी पर उंगली क्यों उठाई जाए? यह हमेशा से होता रहा है, सिर्फ चुनावों के दौरान नहीं. जमीनी स्तर पर हम सभी ने मिलकर कड़ी मेहनत की है.”
उन्होंने इस बात से इनकार किया कि वे राज्य की टॉप पोस्ट के लिए दावा करने को आगे आएंगी. कांग्रेस सांसद ने कहा, “मुझे दावा क्यों करना चाहिए? इस मानसिकता से दूर रहें कि लोग दावा करते हैं. हमारे पास वरिष्ठता का एक स्तर है. जो जमीन पर कड़ी मेहनत करते हैं और पार्टी के लिए प्रतिबद्ध हैं, ऐसे लोगों पर विचार किया जाना चाहिए. दावा करने के बारे में क्यों बात होनी चाहिए…”
विधायक मुख्यमंत्री चुनेंगे तो अधिक गुटबाजी संभव
शैलजा विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री का चयन करने के विचार से सहमत नहीं हैं, क्योंकि उनके अनुसार इससे और अधिक गुटबाजी हो सकती है. उन्होंने कहा कि इसके बजाय, आलाकमान को बड़ा फैसला लेना चाहिए.
उन्होंने कहा, “बीते सालों में, यहां तक कि हाईकमान के साथ चर्चाओं के दौरान भी, मैंने हमेशा महसूस किया है कि एक राष्ट्रीय पार्टी को हर चीज पर राजनीतिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए. और यही वह बात है जिसे लोगों को चुनते समय मुख्य रूप से ध्यान में रखना चाहिए, किसी भी समय, कहीं भी, किसी भी पद के लिए, कि हम क्या करना चाहते हैं, हम क्या दिखाना चाहते हैं, हम क्या पेश करना चाहते हैं. इसके अलावा हमेशा हाईकमान का अंतिम शब्द ही मायने रखता है.”
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हाईकमान को ही लेना चाहिए फैसला
शैलजा ने कहा, “मुझे लगता है कि उस समय भी और आज भी विधायकों की गिनती करना किसी भी पार्टी के लिए अच्छी बात नहीं है. मुझे लगता है कि इस बारे में हाईकमान को ही फैसला लेना चाहिए. अन्यथा लोग बंधे रह जाते हैं… मुझे लगता है कि इससे गुटबाजी और बढ़ेगी.”
उन्होंने लोगों से उस मानसिकता से बाहर आने को कहा जो मतदाताओं को अलग-अलग इकाई के रूप में देखती है और एक-दूसरे का समर्थन नहीं करती. शैलजा एक दलित नेता हैं. उन्होंने कहा कि हरियाणा में समाज के सभी वर्गों के लोग उनका समर्थन करते हैं.
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”मुझे समाज के सभी वर्गों का समर्थन हासिल”
उन्होंने कहा, “हरियाणा मुझे मौका दे सकता है. आपको इस मानसिकता से बाहर आना होगा कि हरियाणा ऐसा है, हरियाणा वैसा है. मैं आपको आश्वस्त कर सकती हूं कि मुझे समाज के सभी वर्गों का समर्थन हासिल है. निहित स्वार्थों के कारण फैलाए गए इस जाल में न फंसें. दूर हटें और आगे बढ़ें.”
शैलजा ने कहा, “सभी वर्गों ने पार्टी का समर्थन किया है. दलितों ने समर्थन किया है. सिर्फ उन्होंने ही नहीं, दूसरों ने भी. हमें एक वर्ग के प्रभुत्व से दूर जाना होगा क्योंकि यह भी उस एक वर्ग के साथ न्याय नहीं कर रहा है. आप उन्हें अलग-थलग कर रहे हैं और इससे कोई मदद नहीं मिलेगी.”
विभिन्न एग्जिट पोल के कुल औसत से पता चलता है कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में बीजेपी को 27-27 सीटें मिल सकती हैं. मतगणना मंगलवार को होगी और इसके साथ ही हरियाणा और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनवों के नतीजे सामने आ जाएंगे.
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