November 24, 2024
यूएस फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में की कटौती, जानिए अमेरिका सहित भारत पर क्या पड़ेगा असर?

यूएस फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में की कटौती, जानिए अमेरिका सहित भारत पर क्या पड़ेगा असर?​

अमेरिका में बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में कटौती का फैसला किया है. इससे अमीर लोग ज्यादा पैसा बाजार में लगाएंगे और बाजार में रौनक लौटने की उम्मीद है...

अमेरिका में बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में कटौती का फैसला किया है. इससे अमीर लोग ज्यादा पैसा बाजार में लगाएंगे और बाजार में रौनक लौटने की उम्मीद है…

यूएस फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) ने ब्याज दरों में कटौती की घोषणा की है. दो दिवसीय फेडरल ओपल मार्केट कमेटी की बैठक में ब्याज दरों में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती का फैसला किया गया. 4 साल के बाद अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने जेरोम पॉवेल की अध्यक्षता में हुई बैठक ब्याज दरों में कटौती का फैसला किया. कुल 12 सदस्यों में 11 वोट इसके पक्ष में पड़े. वहीं एक वोट विरोध में पड़ा.

क्या होगा असर?

50 बेसिस प्वांइटस में कटौती के बाद अमेरिका में ब्याज दर घटकर 4.75 प्रतिशत से 5 प्रतिशत हो गया है. इससे पहले अमेरिका में ब्याज दर 5.25 प्रतिशत से 5.50 प्रतिशत तक पहुंच गया था. यह दर होम मोरगेज, ऑटो लोन और अन्य क्रेडिट आधारित बिजनेस की लागत को कम कर देगी, और व्यवसायों को विस्तार करने और उत्पादन बढ़ाने, अधिक लोगों को काम पर रखने के लिए प्रोत्साहित करेगी. उम्मीद है कि यूएस फेड ब्याज दर में कटौती से अन्य अर्थव्यवस्थाओं के केंद्रीय बैंक भी इसका अनुसरण करने के लिए प्रोत्साहित होंगे. शेयर बाजार और गोल्ड की कीमतों में तेजी आ सकती है. रुपया मजबूत हो सकता है. एक्सपोर्ट करने वाली कंपनियों और सर्विस सेक्टर पर नकारात्मक असर पड़ सकता है.

2022 से बढ़ती महंगाई को नियंत्रित करने के लिए फेड रिजर्व ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी करना शुरू किया था. कोविड 19 के बाद और रूस यूक्रेन युद्ध के कारण सप्लाई चेन में असर पड़ने के कारण लगातार बढ़ोतरी की गई थी. हालांकि अब अमेरिका में महंगाई घट रही है.

यूएस फेडरल रिजर्व ने क्या कहा?

फेडरल रिजर्व ने एक बयान में कहा, “हाल के संकेतक बताते हैं कि आर्थिक गतिविधियों का ठोस गति से विस्तार जारी है.नौकरियां मिलने की गति धीमी हो गई है, और बेरोजगारी दर बढ़ी है, लेकिन कम बनी हुई है. मुद्रास्फीति ने समिति के 2 प्रतिशत लक्ष्य की दिशा में और प्रगति की है, लेकिन कुछ हद तक ऊंची बनी हुई है. मुद्रास्फीति पर प्रगति और जोखिमों के संतुलन के आलोक में, समिति ने संघीय निधि दर के लिए लक्ष्य सीमा को 1/2 प्रतिशत अंक कम करके 4-3/4 से 5 प्रतिशत करने का निर्णय लिया.”

NDTV India – Latest

Copyright © asianownews.com | Newsever by AF themes.